आगरा। जमीनी विवाद को लेकर पीड़ित पक्ष ने प्रेसवार्ता कर अपना पक्ष रखा। पीड़ित अशोक अग्रवाल ने मीडिया को बताया है कि भूमि गाटा संख्या 242 क्षेत्रफल 4.2477 हैक्टेयर स्थित मौजा कलाल खेडिया तहसील जनपद व जिला आगरा में विभिन्न कास्तकारों से लगभग 50-55 वर्ष पूर्व खरीदी थी। जिसमें मेरे पिताजी ने लगभग 35 वर्ष ईट भट्टा चलाया था। इसके उपरान्त जगह को समतल कराकर एक कॉलोनी श्रीजी नगर नाम का आगरा विकास प्राधिकरण ने 11 जुलाई 2003 को मानचित्र स्वीकृत किया जिसमें लगभग 150 प्लॉट बने तथा 4 पार्क एवं रोड बनाकर कॉलोनी विकसित की।
दरबेष अब्बासी ने बताया कि अधिकतर प्लॉट आज से लगभग 20 वर्ष पहले विक्रय किये जा चुके हैं जिसमें मकान बने हुये है। विगत दिवस उक्त कॉलोनी के एक पार्क में एक बोर्ड लगा हुआ देखा जिसमें लिखा था यह भूमि हरेश शर्मा पुत्र श्री भगवान दास शर्मा की है। उक्त बोर्ड पार्क की भूमि के हिस्से को क्षतिग्रस्त करके लगाया गया था। प्रार्थी ने काफी छानबीन की तो पता चला कि दरब सिंह पुत्र दुण्डाराम निवासी कलाल खंडिया थाना ताजगंज एंव विशाल शर्मा व हरेश शर्मा पुत्रगण भगवान शर्मा निवासी 26/223 वल्का बस्ती गोकुलपुरा लोहामंण्डी आगराए शुभम राना पुत्र अजय सिंह राना निवासी 41, बमरौली कटारा व पप्पू प्रसाद ऊर्फ संजय पुत्र वीरी सिंह निवासी 29 कलाल खेडिया आगरा अवधेश गुप्ता पुत्र वृज नन्दन गुप्ता निवासी ग्राम ऊंचा गांव जलेसर रोड एटा, राजीव मिश्रा पुत्र नन्द कुमार मिश्रा निवासी 23A/198/18 अवधपुरी कमला नगर आगरा ने जानबूझकर एक राय होकर पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत प्रवंचना कर छल व धोखाधड़ी करने के लिये कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी तरीके से प्रार्थी की कॉलोनी के पार्क को घेरने के लिये बैनामा करा लिया है।
उदयभान सिंह राजपूत का कहना है कि यह सभी लोग भूमाफिया है जो बेहद ही अपराधिक प्रवृत्ति के है तथा कूटरचित अभिलेखो के क्रम में बेशकीमती भूमियों पर फर्जी तरीके से स्वामित्त्व स्थापित करके अवैध लाभ प्राप्त करने में संलिप्त है। इसी क्रम में इन्होने कूट रचित अनुबन्ध पंजीकृत विलेख संख्या 4672 दिनांक 25.08.2020 मुख्तारनामा आम पंजीकृत विलेख संख्या 287 दिनांक 25.08.2020 व पंजीकृत विक्रय विलेख 6571 दिनांक 29.07.2021 एवं पंजीकृत विकय विलेख संख्या 6818 दिनांक 04.08.2021 को सब रजिस्ट्रार आगरा के कार्यालय में निस्पादित करा लिये है। कॉलोनी के पार्क को हडपने की नीयत से षड्यंत्र करके छल व कपट से अवैध लाभ प्राप्त करने की नीयत से अवैध हानि पहुंचाने हेतु यह अवैधानिक कृत्य कारित किया है जो कि एक संज्ञेय एवं गंभीर अपराध है।
पीड़ित प्रह्लाद अग्रवाल ने बताया कि हमें विरोध करने पर लगातार धमकियां दे रहे हैं कि यदि शिकायत करने की कोशिश की तो जान से हाथ धो बैठेगा। हमसे 5 करोड़ रुपए की ब्लैकमेलिंग कर मांग भी की जा रही है। भूमाफिया लोग दबंगीय किस्म के व्यक्ति हैं और हौसले भी काफी बुलंद हैं जो कोई भी कभी भी अप्रिय घटना कारित कर सकते हैं और प्रार्थी बहुत ही भयभीत है। इन लोगों का आपराधिक इतिहास भी है।