आगरा। हाल ही में केरल के पलक्कड़ जिले में एक गर्भवती हथिनी की क्रूर और चौंकाने वाली मौत से संबंधित घटना के प्रकाश में, वाइल्डलाइफ एसओएस ने वन विभाग को अपनी एलीफैंट लीगल डिफेन्स फंड के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए सहायता की पेशकश की है, जिसमे कानूनी विशेषज्ञों, अधिवक्ताओं और ख़ुफ़िया मुखबिर शामिल हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस ने हथिनी के हत्यारों को कड़ी सज़ा दिलाने के लिए सबूत के साथ सूचना देने पर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया है।
गौरतलब है कि गर्भवती जंगली हथिनी की दिल दहला देने वाली मौत ने देश को हिला कर रख दिया है। 15 वर्षीय हथिनी अपनी पहली गर्भावस्था का अनुभव कर रही थी जब उसने भोजन की तलाश में साइलेंट वैली नेशनल पार्क छोड़ दिया। भूखी हथिनी ने जब उस बम से भरे फल का सेवन किया, तो उसके मुंह के अंदर वह बम फट गया, जिससे उसके जबड़े चकनाचूर हो गए और मुंह, जीभ और संवेदनशील सूंड में अत्यंत घातक चोटें आईं। असहाय दर्द और पीड़ा के कारण, कुछ भी खाने में असमर्थ वह कई दिनों तक भूखी प्यासी इधर-उधर घूमती रही। अंत में दर्द से राहत की तलाश में नदी पर गई, जहां उसने धीरे-धीरे ना बर्दाश्त होने वाले दर्द और कष्ट से हार मान कर अपने प्राण त्याग दिए।
केरल राज्य के वन विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही है, और वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपराधीयों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए वहाँ के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को अपनी सहायता की पेशकश भी की है। वाइल्डलाइफ एसओएस ने अब स्थानीय रूप से बनाए जा रहे विस्फोटक या देशी बमों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक याचिका भी शुरू की है।
इस विशिष्ट मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ठोस सबूत और सूचना देने वाले को गैर सरकारी संस्था – वाइल्डलाइफ एसओएस ने एक लाख रुपये (1,00,000 रुपय) इनाम के रूप में देने की घोषणा भी की है। यदि आपके पास कोई जानकारी है या हाथियों की सुरक्षा के लिए इस प्रयास में आप संस्था की सहायता करना चाहते हैं, तो कृपया उनके एलीफैंट हॉटलाइन (+91-9971699727) पर संपर्क करें और info@wildlifesos.org पर ईमेल भेजें।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हाथी जैसे जानवर भारत देश की शान हैं। वे भारतीय कानून के तहत संरक्षित भी हैं। इस तरह के अपराधों में तेजी से कार्रवाई की जरूरत है जिससे दोषियों की तत्काल सज़ा सुनिश्चित हो। कोई भी जानवर ऐसी क्रूरता का हकदार नहीं है। हमने अपनी एलीफैंट लीगल डिफेन्स फंड के माध्यम से केरल के वन विभाग को सहायता की पेशकश की है और हमें उम्मीद है कि दोषियों को जल्द से जल्द इस अमानवीय अपराध के लिए पकड़ कर कड़ी सज़ा दी जाएगी। हमें प्रतिशोध में हत्याओं के बजाय मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन के लिए मानवीय तरीकों के बारे में जागरूकता और शिक्षा को प्रोत्साहित करना चाहिए।
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा, “हथिनी की ऐसी दर्दनाक मौत दिल दहला देने वाली है। जंगली जानवरों के लिए एक आकर्षक चारे के रूप में काम करने वाले खाद्य पदार्थों के अन्दर विस्फोटक बम रखे जाते हैं, जैसे ही कोई भी जानवर इस खाद्य पदार्थ को खाने की कोशिश में काटता है, यह फट जाते हैं जिससे उसके सिर और मुंह में गंभीर चोट आती है और जानवर धीरे-धीरे बहुत ही दर्दनाक मौत मरता है।”