उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में छाए हुए हैं। इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ कि विवादित बयान देने से चर्चा का विषय बन चुके हैं। दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हाल ही में बयान दिया है कि कुंभ में मां गंगा की कृपा से कोरोनावायरस नहीं फैलेगा। कुंभ और मरकज की तुलना करना गलत है। मरकज से कोरोना बंद कमरे से फैला, क्योंकि वहां सभी लोग एक बंद कमरे में थे, जबकि हरिद्वार में कुंभ क्षेत्र नीलकंठ और देवप्रयाग तक खुले वातावरण में है।
वहीं हरिद्वार कुंभ में उमड़े जनसैलाब को लेकर और कोरोना गाइडलाइन का पालन न होने पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा- ‘हरिद्वार में 16 से ज्यादा घाट हैं। इसकी तुलना मरकज से नहीं की जा सकती।’ गौरतलब है कि सोमवार को दूसरे शाही स्नान के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन नहीं हुआ। इस बात की पुष्टि कुंभ मेला आई जी द्वारा की गई थी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना बहुत ही मुश्किल है। शाही स्नान में करीब 35 लाख लोग शामिल हुए।इनमें से 18,169 लोगों की जांच हुई, जिनमें 102 संक्रमित मिले।
हालांकि प्रशासन का दावा है कि कुंभ क्षेत्र में उन्हीं श्रद्धालुओं को एंट्री दी जा रही है, जिनके पास आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट है। केंद्र की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि कुंभ कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन सकता है। इसलिए राज्य को सावधानी रखनी होगी।वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने मरकज को आम लोगों के लिए खोलने से इन्कार करते हुए कहा ,”फिलहाल पांच लोग दिन में पांच बार नमाज अदा कर सकेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर निजामुद्दीन मरकज आम लोगों के लिए नहीं खोला जाएगा।’
हालांकि इस फैसले पर मरकज के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि क्या नियम सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं? लाखों लोगों ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया। इस पर समर्थन देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- ‘कोरोना धर्म में फर्क नहीं करता।’ शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा है कि कुंभ से लौटने वाले लोग कोरोना के स्प्रेडर बन सकते हैं। आगे उन्होंने कहा- “शिवसेना सरकार को त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने का दुख है लेकिन लोगों की जिंदगी बचाने के लिए यह जरूरी है।” फिलहाल कुंभ मेले से लौटने वाले लोगों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने के लिए आवाजें उठ रही हैं।