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दयानंद कॉलेज के मैनेजमेंट को लेकर दो गुट आए आमने-सामने, मौके पर पहुंची पुलिस

by admin
Two factions came face to face regarding the management of Dayanand College, police reached the spot

Agra. दयानंद कॉलेज मैनेजमेंट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस स्कूल के मैनेजमेंट को लेकर दो गुट आमने सामने आ गए हैं। बुधवार को प्रमोद गुप्ता की मैनेजमेंट कमेटी के लोग दयानंद इंटर कॉलेज पहुंचे और कॉलेज को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया तो दूसरी मैनेजमेंट कमेटी ने इसका विरोध कर दिया। मामला बढ़ता देख लोगों ने इसकी शिकायत 112 प्रकार की। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को थाने ले आई। जहां पुलिस ने दोनों पक्षों को सुना और दोनों पक्षों से जिला मुख्यालय जाने के निर्देश दिये।

वर्तमान में दयानंद बाल विद्या मंदिर के स्कूल का मैनेजमेंट का पूरा काम देख रही कमेटी के सदस्यों ने दूसरे पक्ष के गुट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दूसरे पक्ष के गुट में जो प्रमोद गुप्ता है उन पर पहले से ही धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं और वह कमेटी में किसी भी पद पर नहीं है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने नकली मैनेजमेंट कमेटी बनाई और उसे हाल ही में रजिस्टर्ड करा लिया है जबकि उनकी बनाई हुई कमेटी पर इस समय स्टे लगा हुआ है लेकिन इसके बावजूद भी वह स्कूल पर अपना हक जमाना चाहते हैं।

वर्तमान में स्कूल के मैनेजमेंट का काम देख रहे मैनेजर सतवीर ने बताया कि प्रमोद गुप्ता के साथ के पूर्व चेयरमैन है। कमेटी और उन पर मामले भी दर्ज है। वह अपने साथियों के साथ आए और स्कूल के मैनेजमेंट को जबरदस्ती अपने हाथ में लेना चाहते थे जबकि उनकी रजिस्टर्ड मैनेजमेंट कमेटी को कोर्ट ने अभी रोक दिया है, उस पर स्टे दे दिया है। इसके बावजूद वह कानून के नियमों को ताक पर रखकर जबरदस्ती स्कूल पर अपना हक जमाना चाहते थे। उनकी एक घटना से महिला अध्यापकों में भय का माहौल बन गया तो वहीं स्कूल में पढ़ रहे बच्चे भी घबरा गए।

सदर थाने में मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष भी रखा। उन्होंने बताया कि यह सब लड़ाई कोरोना संक्रमण काल में शुरू हुई। कोरोना काल के दौरान वर्तमान प्रिंसिपल कुलदीप कौर भसीन और कमेटी के कुछ लोगों ने गलत तरीके से कमेटी बनाई और स्कूल पर अपना वर्चस्व कायम कर लिया। जब वह इसका विरोध करने लगे तो उन पर गंभीर आरोप भी लगा दिए। स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी के कोष से अवैध गबन करने का आरोप भी लगाया। अगर ऐसा होता तो उन पर अभी तक कार्रवाई हो चुकी होती लेकिन रजिस्टार ऑफिस ने भी इनकी झूठे कमेटियों को गलत ठहरा कर उनकी कमेटी को सही ठहराया और पूरा काम कमेटी को सौंप दिया लेकिन इसके बावजूद पैरोल चलने वाली कमेटी ने उनकी कमेटी को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका डाल दिया। उन्हें इस टाइम मिल गया लेकिन इस बीच उन्होंने मैनेजमेंट कमेटी के जो वार्षिक चुनाव होते हैं जिसमें कमेटी के अध्यक्ष और कमेटी चुने जाते हैं वह चुनाव संपन्न हुए और उन्हें एक बार से अध्यक्ष चुना गया।

प्रमोद गुप्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस पूरे भ्रष्टाचार की जड़ पूर्व प्रधानाचार्य कुलदीप कौर है। उन्होंने स्कूल की प्रिंसिपल बने रहने के लिए स्कूल में लगाए सभी कागजों में धोखाधड़ी करके अपनी जन्मतिथि को आगे बढ़ा दिया जिससे उनका प्रिंसिपल का कार्यकाल 3 साल और बढ़ गया। स्कूल की ओर से होने वाले इंश्योरेंस के माध्यम से जब स्कूल की कमेटी के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता को पता चला की5 कुलदीप कौर सेवानिवृत्त हो गई है और उनका पैसा भी आ गया है तो उन्होंने इस पूरे मामले को उठाया। तब पता चला कुलदीप कौर ने अपनी ओरिजिनल डेट ऑफ बर्थ चेंज कर दी है और इस पूरे मामले को दबाने के लिए उन्होंने गुपचुप तरीके से दूसरी मैनेजमेंट कमेटी बना ली, जिसमें उनके साथ में लोग शामिल हो गए।

फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने और ऐसा न करने पर मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी है और इस मामले को कोर्ट के माध्यम से या फिर जिला प्रशासन के पास ले जाने के निर्देश दिए हैं।

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