देश में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अब टीकाकरण अभियान को लेकर उम्र की बाध्यता समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां पहले 60 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों का टीकाकरण किया गया था। उसके बाद 45 से 60 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए टीकाकरण को लागू किया गया था। उसके बाद 18 प्लस से 44 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहेगा ,जिसे देखते हुए आने वाले दिनों में अच्छी खबर मिलने का अनुमान है। दरअसल ऑफिशियल सूत्रों के द्वारा बताया गया कि एक एक्सपर्ट समिति ने मंगलवार को 2-18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए ट्रायल की सिफारिश की थी , जिसके बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा इस सिफारिश पर मंजूरी भी दे दी गई है।साथ ही उन्होंने बताया कि यह ट्रायल दिल्ली एवं पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट सहित अलग-अलग संस्थानों पर 525 वॉलिंटियर्स पर किया जाएगा।
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 एक्सपर्ट समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ अन्य चीजों का आंकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने कहा था कि सामान्य कोरोना मरीजों पर कोवैक्सिन टीका 78 फीसदी तक कारगर है।
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा मंजूरी देते वक्त हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा 2 से लेकर 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल को लेकर यह शर्त भी रखी गई थी कि भारत बायोटेक तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने से पहले दूसरे चरण के सुरक्षा से संबंधित अंतरिम डाटा को सीडीएससीओ को मुहैया कराएगी।