आगरा। आगामी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के चलते सड़कों पर मजदूर और यात्रियों का सैलाब है। जिसको लेकर एक बार फिर उत्तर प्रदेश में बॉर्डर सील करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश से राजस्थान, राजस्थान से मध्य प्रदेश, मध्यप्रदेश से हरियाणा, हरियाणा से दिल्ली, दिल्ली से महाराष्ट्र यानी राज्यों के अलावा अन्य जिले के बॉर्डर भी सील किए जा रहे हैं। ऐसे में आगरा से फिरोजाबाद जाने वाला बॉर्डर पर एक विषम परिस्थिति पैदा हो गई। यहां बॉर्डर सील करने और एक जिले से दूसरे जिले के यात्रियों के आवागमन को लेकर दोनों जिलों के अधिकारियों में वर्चस्व की जंग छिड़ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बॉर्डर सील और यात्रियों के एक जिले से दूसरे जिले के आवागमन को लेकर जनपद फिरोजाबाद के एसडीएम टूंडला और जनपद आगरा के एत्मादपुर थाने के एसएसआई में पहले तीखी बहस हुई। उसके बाद जिले के बॉर्डर को सील कर दिया गया। दो जिलों के अधिकारियों के बीच तीखी बहस की जानकारी जब अन्य अधिकारियों को हुई तो जनपद फिरोजाबाद के टूंडला तहसील के तहसीलदार गजेंद्रपाल सिंह मौके पर पहुंच गए। इसके अलावा जनपद आगरा के एत्मादपुर थाने के एडिशनल एसपी और इंस्पेक्टर के चार्ज पर मौजूद सोमेंद्र मीणा मौके पर पहुंच गए। और दोनों के बीच बहस और जिले की नाकाबंदी, बॉर्डर सील और यात्रियों के आवागमन को लेकर तीखी बहस हुई।
दोनों जिलों के अधिकारियों के बीच तीखी बहस को लेकर जनपद आगरा और जनपद फिरोजाबाद के हाईवे पर दूर-दूर तक जाम की स्थिति पैदा हो गई। इस भीषण गर्मी में जाम में फंसे लोग परेशान होने लगे। एक जिले की पुलिस दूसरे जिले में यात्रियों को प्रवेश नहीं करने दे रही थी। आरोप था कि इस दौरान जनपद फिरोजाबाद की पुलिस ने आगरा से जाने वाली एंबुलेंस को भी रोक दिया। मगर जनपद फिरोजाबाद के टूंडला के एसडीएम गजेंद्र पाल सिंह जनपद आगरा के अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे।
जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है तो वहीं दो जिले के अधिकारी भी यात्रियों को लेकर आपस में लड़ रहे हैं। यह संदेश अच्छा नहीं जा रहा है। खबर लिखे जाने तक दोनों अधिकारियों की बहस के चलते हाईवे पर जाम लगा हुआ था।