आगरा। सेंट जॉन्स कॉलेज के मुख्य गेट पर अधिवक्ता व पूर्व छात्र नेता मदन मोहन शर्मा के नेतृत्व में कॉलेज के प्राचार्य की नियुक्ति के विरोध में चल रहा भ्रष्टाचार विरोधी क्रमिक अनशन चौथे दिन भी जारी रहा। कॉलेज के गेट पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और अपना तीखा आक्रोश व्यक्त किया।
पिछले तीन दिनों में कोई सुनवाई न होने पर पूर्व छात्रनेता व अधिवक्ता मदन मोहन शर्मा ने अपने खून से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा और सूबे के मुखिया से सेंट जोन्स कॉलेज में चल रहे भ्रष्टाचार और प्राचार्य की नियुक्ति की जांच कराए जाने की मांग की।
सेंट जोन्स कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अधिवक्ता व पूर्व छात्र नेता मदनमोहन शर्मा का कहना है कि इस पूरे मामले के खुलासे के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के नाम खून से पत्र लिखा जा रहा है जिसे सूबे के मुखिया को भेज कर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की गई है।अनशन पर बैठे पूर्व छात्र नेता मदनमोहन शर्मा ने बताया कि
सेंट जोंस कॉलेज में होने वाले कामों में कमीशन और छात्रों के प्रवेश में फर्जीवाडा कर अवैध कमाई करने के लिए चेयरमैन गवर्निंग बॉडी, सेंट जोंस कॉलेज के साथ मिलकर जून 2015 में डॉ पीटर एडवर्ड जोजफ ने चयन समिति की बैठक में प्राचार्य पद पर नियुक्ति की संस्तुति करा ली। इस मामले में शिकायत के बाद मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के आदेश के बाद मंडलायुक्त आगरा मंडल आगरा द्वारा जांच कमेटी गठित की गई जिसमें अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी और संयुक्त निदेशक माध्यमिक को जांच सौंपी गई। 28 मई 2018 को तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई जांच में कहा गया है कि प्राचार्य पद के लिए एकेडमिक परर्फोमेंस इंडीकेटर एपीआई 400 अंक होना चाहिए। प्राचार्य पद पर नियुक्ति के लिए डॉ पीई जोजफ ने अपनी जांच कमेटी के सामने पेश दिए गए। एपीआई का स्कोर अधिक दर्शाने के लिए सेमिनार में सहभागिता की जगह पेपर प्रजेंट करने के अंक जोड दिए गए।
जांच कमेटी द्वारा यूजीसी के मानकों के अनुसार एपीआई की गणना की गई, यह 400 अंक से बहुत कम थी। प्राचार्य पद के लिए तीन कैटेगिरी के मानक पूरे होने चाहिए, पहली कैटेगिरी में 15 साल का शैक्षणिक अनुभव, दूसरी कैटेगिरी में पीएचडी डिग्री व तीसरी कैटेगिरी में 400 एपीआई अंक होने चाहिए।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि डॉ पीई जोजफ के तीसरी कैटेगिरी के मानक के अनुसार एपीआई 400 से कम है, इसलिए सेंट जोंस कॉलेज के प्राचार्य पद पर डॉ पीई जोजफ का चयन वैध नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी प्राचार्य पर कोई कार्यवाही नही हुई है। अगर प्राचार्य के खिलाफ कार्यवाही नही हुई तो अनशन जारी रहेगा