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सर्व शिक्षा अभियान की यह है असलियत, कबाड़ी वाले ने भी ठुकराया

by admin

फतेहाबाद। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार का संकल्प है कि हर बच्चे को शिक्षा मुहैया करायी जाये और हर बच्चा शिक्षित बने जिसके लिए सरकार हर बच्चे को सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुफ्त में किताबें भी देती है लेकिन योगी सरकार के इस अभियान को कैसे पलीता लगा रहे है यह सब फतेहाबाद क्षेत्र में देखने को मिला।

लापरवाही का आलम इस कदर है कि सर्व शिक्षा के तहत दी जाने वाली ऐसी ही किताबों को एक व्यक्ति कबाड़े वाले की दुकान पर बेचने के लिए निकल पड़ा। उन किताबों पर पहले से दीमक लगी थी। सरकारी किताबें देख कबाड़े वाले ने किताबें खरीदने से इंकार कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार को एक व्य‌क्ति इस अभियान की किताबों को लेकर बाईक पर निकला। वह एक कबाड़े वाले पर पहुंचा और मोल भाव करने लगा। सरकारी किताबें देख मौके पर और भी लोग इकठ्ठा हो गए। लोगों ने पूछताछ की तो व्यक्ति ने बताया कि उक्त किताबें उसे निबोहरा क्षेत्र में तैनात एक एनपीआरसी के पति जो स्वयं शिक्षामित्र है, ने बेचने के लिए दीं हैं। किताबों के संदर्भ में जब पता किया तो सब एक दूसरे पर किताबों की जिम्मेदारी डालने में जुट गए। बताया जाता है कि किताबें पिछले सत्र की थीं और उचित रख रखाव न होने से उन पर दीमक लग चुकी थी। इसलिए उन्हें बेचा जा रहा था।

इस संदर्भ में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी का पक्ष जानना चाहा तो उने फोन पर बात नहीं हो सकी।

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