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गोल्ड मैडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकार नहीं दे पा रही ईनाम राशि, आगरा लौटे चैंपियनों का छलका दर्द

by admin
The government is unable to give prize money to the players who won the gold medal, the pain of the champions returned to Agra

Agra. चीन में होने वाले एशियन गेम्स के लिए थाईलैंड में चल रही प्रतियोगिता के दौरान क्वालिफिकेशन फॉर एशियन गेम्स में क्वालीफाई करके लौटे दिव्यांग खिलाड़ी निशा रावत और यश सिंह का आगरा कैंट स्टेशन पर जोरदार स्वागत किया गया। महिला शांति सेना के पदाधिकारियों ने दोनों ही दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए उन्हें पट्टिका पहनाया और माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया।

यश सिंह ने बताया कि पैरा एशियन कैनो स्प्रिंट चैंपियनशिप के लिए वह अन्य भारतीय खिलाड़ियों के साथ थाईलैंड गए थे। यह चैंपियनशिप 17 से 26 मार्च तक आयोजित हुई थी। चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्राउन मेडल प्राप्त किया, साथ ही चीन में होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई राउंड में क्वालीफाई भी किया। इससे पहले नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने दो गोल्ड मेडल भी प्राप्त किए हैं।

सरकार से नहीं मिली मदद

यश सिंह दिव्यांग होकर भी राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। आगरा कैंट स्टेशन पर भले ही समाजसेवी संस्थाओं ने उनका स्वागत सत्कार किया हो लेकिन इस स्वागत सत्कार के दौरान उनका दर्द भी छलका। जब उनसे पूछा गया कि सरकार की ओर से उन्हें क्या मदद मिली तो उन्होंने कहा कि अभी तक जो मेडल्स प्राप्त किए है उसकी धनराशि तो सरकार ने नहीं दी है, आर्थिक मदद तो दूर की बात है। दिव्यांग खिलाड़ी अपने देश का नाम रोशन करने के लिए पूरा दमखम लगाए हुए हैं लेकिन सरकार इनसे बेरुखी और भेदभाव वाला रवैया अपनाए हुए हैं। यश सिंह ने कहा कि कम से कम जो जीता उसी की राशि मिल जाए तो वह अपने खेल में और ज्यादा सुधार कर सकेंगे।

कोच को दिया धन्यवाद

सरकार से भले ही मदद ना मिल रही हो सहायता नहीं मिल रही हो लेकिन निशा रावत का जोश कम नहीं है। उन्होंने भी चीन में होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है। वह अब एशियन गेम्स के लिए चीन जाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि थाईलैंड में उनका बेहतर खेल प्रदर्शन रहा लेकिन सरकार की ओर से दिव्यांग खिलाड़ियों को मदद न मिलने के लिए उनके जेहन में भी दिखाई दी।

महिला शांति सेना ने उठाई आवाज

आगरा कैंट स्टेशन पर स्वागत करने पहुंची महिला शांति सेना के पदाधिकारियों ने जब सुना कि दिव्यांग खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है, यहां तक कि जीते हुए चैंपियनशिप व गोल्ड मेडल की राशि भी उन्हें प्राप्त नहीं हुई तो उन्होंने भी दिव्यांग खिलाड़ियों की हर संभव मदद का बीड़ा उठाया। संकल्प लिया कि आगरा शहर को दो मंत्री मिले हैं, उन मंत्रियों से गुहार लगाई जाएगी कि वह दिव्यांग खिलाड़ियों को उनका हक दिलाये।

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