Agra. 1971 में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में कड़ी शिकस्त दी थी और पाकिस्तान का भूगोल तक बदल दिया था। भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की विजय होने के बाद ही बांग्लादेश मुक्त हुआ और 1971 में बांग्लादेश एक नए देश के रूप में दुनिया के सामने आया। भारत के जांबाज जवानों ने बांग्लादेश को आजादी दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस युद्ध की विजय को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के स्वतंत्रा सेनानी भारत यात्रा पर हैं। शुक्रवार को यह स्वतंत्रता सैनानी आगरा पहुँचे।
स्वर्णिम एक्सप्रेस से पहुँचे आगरा कैंट
ताज स्वर्णिम स्पेशल ट्रेन से बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी के स्वतंत्रता सेनानियों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को आगरा कैंट स्टेशन पहुंचा। यहां भारतीय सेना के अधिकारी और रेल अधिकारियों ने मुक्त वाहिनी के स्वतंत्रता सेनानियों का जोशीला स्वागत किया।
विजय दिवस के अवसर पर 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर भ्रमण के लिए आये स्वतंत्रता सैनानी लगभग 4:30 बजे आगरा किला पहुँचे। यहाँ पर बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का पर्यटन पुलिस ने जोरदार स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी स्वतंत्रता सेनानियों और बांग्लादेश आर्मी के अधिकारियों ने आगरा किले का भ्रमण किया वहीं से ताजमहल का दीदार भी किया।
ताजमहल न देख पाने की दिखी टीस
विजय दिवस के अवसर पर भ्रमण करने आगरा आये बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के दिलों में नजदीक से ताज का दीदार न कर पाने की टीस देखने को मिली। शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल बंद रहता है। इस कारण बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को आगरा किला से ही ताजमहल का दीदार करना पड़ा। फिर भी उन्होंने ताज की तारीफ की। इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी काफी खुश नजर आए। उन्होंने भारत की मेहमान नवाजी का खुले दिल से स्वागत किया।
आगरा कैंट पर स्वगात के दौरान एडीआरएम मुदित चंद्रा का कहना था कि भारत पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ को स्वर्णिम विजय दिवस के रूप में मना रहे है। स्पेशल ट्रेन से 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए युद्ध में भाग लेने वाले बांग्लादेश के लगभग 71 वेटरन्स आगरा भ्रमण पर आए हैं जिनका स्वागत किया गया है।
भारतीय संस्कृति से कराया रूबरू
एडीआरएम मुदित चंद्रा ने बताया कि बांग्लादेश से आये स्वतंत्रता सेनानियों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराना है। 1971 के युद्ध के दौरान जो जवान शहीद हुए थे। उन्हें भी आज श्रद्धांजलि दी गई है।
दोनों देश मना रहे स्वर्णिम विजय दिवस
बांग्लादेश आर्मी के मेजर जनरल कमरुल हसन ने बताया कि आज दोनों ही देश स्वर्णिम विजय दिवस मना रहे है।1971 के युद्ध में दोनों ही देश एक दूसरे के साथ खड़े थे और पाकिस्तान को मुंह तोड़ जबाब दिया था।