अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने मंगल ग्रह पर मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) भेजने में रात करीब 2:30 बजे सफलता प्राप्त की। इस दौरान सभी वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे। जेजेरो क्रेटर में रोवर को सफलतापूर्वक लैंड करवाया गया। बता दें 6 पहिए वाला यह रोवर मंगल ग्रह पर वहां की जानकारियां प्राप्त करेगा और ऐसी चट्टाने लेकर आएगा जिनसे सवालों के जवाब मिल सकेंगे।इन सवालों में सबसे अहम सवाल है कि कि क्या मंगल ग्रह पर जीवन संभव था।
आपको बता दें कि जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का सबसे दुर्गम एरिया है। यहां पर गहरी घाटियां और तीखे पहाड़ हैं, साथ ही रेत के टीले और बड़े-बड़े पत्थर भी मौजूद है जो इसे और खतरनाक बना देते हैं। रोवर की लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई थी। रोवर के उतरने के बाद अमेरिका दुनिया का ऐसा देश बन गया जिसमें सबसे ज्यादा रोवर मंगल ग्रह पर भेजे हैं।

ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर में पहले नदी बहती थी जो कि एक झील में जाकर मिलती थी। इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया। वैज्ञानिक इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या मंगल ग्रह पर कभी जीवन था। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है।
इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, ‘क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?’
नासा द्वारा भेजा गया ‘पर्सविरन्स’ रोवर अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है। वैज्ञानिकों का कहना है कि रोवर को मंगल की सतह पर उतरने के दौरान 7 मिनट का समय सांसे थमा देने वाला था। इसलिए जैसे ही रोवर मंगल ग्रह पर लैंड हुआ तो सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे।
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