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शहीद भगत सिंह को सम्मान दिलाने को निकली शहीद स्वाभिमान यात्रा पहुंची आगरा

by admin

आगरा। देश के शहीदों और वीर जवानों के प्रति देशभर में अलख जगाने वाली और शहीद ए आजम भगत सिंह की प्रतिमा की स्थापना के उद्देश्य को लेकर दिल्ली से शुरु हुई शहीद स्वाभिमान यात्रा आगरा पहुँच सोमवार को शहीद स्मारक से मिट्टी लेकर मेरठ के लिए रवाना हो गयी। इस यात्रा का शहीद स्मारक पर समाज सेवियों ने स्वागत सम्मान किया। शहीद स्वाभिमान यात्रा देश के 23 राज्यों में 1600 किमी का सफर 72 दिन में तय करके आगरा पहुँची है। इस यात्रा का गुरु के ताल पर संत बाबा प्रीतम सिंह ने किया।

संगठन के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह बिधूड़ी ने कहा कि देश में भारत मां के वीर सपूत शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की सबसे विशाल प्रतिमा की स्थापना करना उनका एक बड़ा लक्ष्य है। जिसके लिए इस यात्रा के माध्यम से हर राज्य से मिट्टी एकत्रित की जा रही है। वहीं विशाल प्रतिमा के साथ ही शहीद स्मारक और शहीद संस्थान की स्थापना करना इस यात्रा का उद्देश्य है जहां आने वाले लोगों को देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। इसी के माध्यम से देश की भावी पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और शहीदों के जीवन से रूबरू कराया जायेगा।

यात्रा के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह बिधूड़ी ने बताया कि शहीद स्वाभिमान यात्रा 23 मार्च 2018 को इंडिया गेट से शुरू हुई जिसे थलसेना के मेजर जनरल अशोक नरुला ने झडी दिखाकर रवाना किया था। यात्रा 90 दिनों में 25 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके दिल्ली में ही जाकर समाप्त होगी। इस यात्रा का आयोजन कर रहे शहीद स्वाभिमान यात्रा के की कुछ मांग है जो इस प्रकार है।

1=शहीद-ए-आजम भगत सिंह को राष्ट्र पुत्र की उपाधि और राष्ट्र के सभी शहीदों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाए।

2=राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद होने वाले सैनिकों, अर्धसैनिकों और पुलिसकर्मियों को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। उनके परिजनों को समान रूप से सारी सुविधा दी जाएं।

3=शहीद परिवारों के लिए शहीद स्वाभिमान कार्ड भी बनाया जाए। जिसके माध्यम से परिवारों को सरकारी योजनों का लाभ मिल सके।

4=भारतीय सेना के वेतन को कर मुक्त किया जाए।

5=शहीदों की जयंती और पुण्य तिथि पर राष्ट्रीय स्तर के पारंपरिक खेलकूद, सास्कृतिक एवं देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन हो।

6=वीर शहीदों की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

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