Agra. रोडवेज विभाग में भ्रष्टाचार किस चरम पर है इसकी पोल एक वायरल ऑडियो ने खोल दी है। वायरल ऑडियो दो परिचालकों के बीच हुई वार्ता का है। जिसमे एक परिचालक रोडवेज के चेकिंग दल दस्ते की जानकारी ले रहा है और बिना टिकट यात्री पाए जाने पर कितने रुपये में छोड़े जाने की बात पूछ रहा है। वायरल ऑडियो में दूसरा परिचालक ने चेकिंग दल को 1000 रुपये देकर मामला शांत करने की बात कह रहा है।
रोडवेज विभाग वर्षों से घाटे में चल रहा है। इसका कारण यात्री न मिलना नही है बल्कि यात्रियों को बिना टिकट काटे सफर कराने से हो रहा है। विभाग में भ्रष्टाचार किस चरम पर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना टिकट यात्री पाए जाने पर परिचालक पर यातायात निरीक्षक कोई कार्यवाही नही हुई बल्कि उससे सुविधा शुल्क लेकर मामला शांत कर दिया।
वायरल ऑडियो में एक परिचालक दूसरे परिचालक से चेकिंग मिलने और बिना टिकट यात्री पकड़े जाने पर कितना सुविधा शुल्क दिया इसकी जानकारी ले रहा है। विभाग को चूना लगा रहे इन भ्रष्ट परिचालकों के साथ यातायात निरीक्षक भी मिले हुए हैं जिसमे से एक का नाम वो खुद ले रहा है। नवनीत सिंह नाम के इस अधिकारी के संरक्षण में यह भ्रष्टाचार पनप रहा है और भ्रष्ट परिचालक दीमक की तरह विभाग को खोखला कर रहे है।
नवनीत सिंह का नाम लेते हुए परिचालक दूसरे से पूछ रहा है कि उसने पहले चेंकिंग की सूचना दी थी या नही, क्योंकि नवनीत उसे कई दिनों से मिला नही है तो दूसरा परिचालक का कहना है कि उसी ने सूचना दी थी वो अपना ही आदमी है। बिना टिकट यात्रियों के 1000 रुपये चेकिंग दस्ते को दिए और उन्होंने किसी से कुछ न कहने की बात कही जिससे मामला दब सके।
इस ऑडियो से साफ है कि नवनीत सिंह सहायक यातायात निरीक्षक मथुरा परिचालक से मिला हुआ है और चेकिंग स्क्वायड की पहले से सूचना परिचालक को भेज देता है जिससे सांठगांठ वाले परिचालक बिना टिकट यात्रियों के पैसे जेब मे रख अपनी जेब गरम कर सके।
बताया जाता है कि यह अधिकारी पूर्व में भी भ्रष्टाचार में लिफ्ट पाए गए थे लेकिन मनोज कुमार क्षेत्रीय प्रबंधक आगरा ने इन्हें वार्निंग देकर छोड़ दिया था। इसके बाद भी यह निरीक्षक अपने निहित स्वार्थ में परिवहन विभाग को चूना लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।