Agra. फतेहपुर सीकरी लोकसभा चुनाव के रोमांचक मुकाबले में आखिरकार राम को हार का सामना करना पड़ा। लोगों ने सोचा ही नहीं था कि इस बार राम हार जाएंगे और एक बार फिर राज का राज कायम हो जाएगा लेकिन शायद राम को भी यही मंजूर था कि वह खुद हर जाएं। इस बार एक नहीं बल्कि दो-दो राम हार गए और राज दोनों राम पर भारी पड़ गया।
आपको बताते चलें कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा से राजकुमार चाहर, कांग्रेस गठबंधन रामनाथ सिकरवार और बसपा से रामनिवास शर्मा के साथ अन्य निर्दलीय चुनावी मैदान में थे। सभी पार्टी के नेताओं ने इस सीट पर अपना दमखम दिखाया लेकिन फतेह भाजपा की हुई। फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट को लेकर भाजपा की भी साख दांव पर लगी थी। पिछली बार इस सीट से राजकुमार चाहर पीएम मोदी से अधिक वोटों से जीते थे लेकिन इस बार क्षेत्र में जो उनका विरोध था उसको लेकर पार्टी के आला कमान भी चिंतित था। इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सहित पार्टी के आलाधिकारी उनके पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए जुटे रहे।
मतगणना शुरू होते ही राम (रामनाथ सिकरवार) राज पर भारी पड़ने लगे और उनकी जीत का अंतर भी बढ़ने लगा लेकिन दोपहर के बाद चुनावी रोमांचक देखने को मिला। राम पर राज भारी पड़ गए। उन्होंने राम को लगभग 6000 वोटो से पीछे छोड़ दिया लेकिन एक बार फिर राम ने रफ्तार पकड़ी और लगभग 1000 वोट से आगे हो गए। इसके बाद शह और मात का खेल चलता रहा। आखिरकार राम को राज के हाथों हार का सामना करना पड़ा। बड़ी बात यह है कि एक नहीं बल्कि दो-दो राम राज से हार गए और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर एक बार फिर राज का राज कायम हो गया।
जिसने भी सुना की राम हर गए वह आश्चर्यचकित रह गया कि आखिरकार यह कैसी संभव हो गया। दबी जुबान से लोगों ने कहा ही दिया कि आखिरकार मोदी की साख बचाने के लिए लोगों ने राम को हरा ही दिया और राज का राज फतेहपुर सीकरी पर कायम कर दिया जिससे मोदी के हाथ मजबूत हो सके।