आगरा। मामला एतमादपुर के गांव मितावली पर स्थित रेलवे के गेट नम्बर 77 C का है। यह रेलवे लाइन आगरा से टूंडला होते हुए दिल्ली को जोड़ती है। जिस पर पिछले 6 माह से निर्माणाधीन अंडर ग्राउंड पुल के चलते आसपास के ग्रामीणों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण कार्य के चलते फाटक को हटा दिया गया है और रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर होकर गुजर रहे है जो कभी भी एक बड़े हादसे का सबब बन सकता है। ठेकेदार ने यहाँ पैदल औऱ साइकिल से निकलने वालों के लिए टेम्परेरी रास्ता बनाने के बजाय 5 किमी दूर रास्ते को विकल्प बताकर पल्ला झाड़ लिया है।
दरअसल मितावली स्टेशन के पास बने फाटक से करीब एक दर्जन गांवों का रास्ता निकलता है। अगर कभी एतमादपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लग जाये तो राहगीर इसे बाईपास के रूप में प्रयोग कर टूंडला व एटा जाने के प्राय करते हैं। मितावली के 80 प्रतिशत किसानों के खेत भी रेलवे लाइन के पर हैं। जिससे रेलों के आवागमन के चलते ज्यादा देर तक गेट नही खुल पाने से जाम लग जाता था। जिसे देखते हुए रेलवे यहाँ अंडरग्राउंड पुल बना रही है।
बेसे तो इस पल बनकर तैयार होने की तिथि अप्रैल 2018 है लेकिन जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है उसे देखते हुए लगता है कि ये पुल निर्धारित तिथि तक पूरा नही हो पायेगा।
ऐसे में चिंता का विषय यह है सुबह तड़के तमाम स्कूली बच्चे घने कोहरे में रेलवे लाइन पर करते हैं और सैकड़ो किसान तथा मजदूर हर रोज ऐसे ही ट्रैक को पर कर रहे हैं। आखिर संबंधित प्रशासन इतनी बड़ी भूल क्यों कर रहा है। कुछ दिनों पहले एक बाइक सवार गुजरते समय ट्रैक पर ही गिर गया तब तक ट्रेन आ गई तो बाइक को छोड़ बाइक गया तो ट्रैन की टक्कर से बाइक परखच्चे उड़ गए थे। ऐसे में अगर कोई जनहानि होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
एतमादपुर से पवन शर्मा की रिपोर्ट