आगरा। आगरा नगर निगम के कार्यकारिणी कक्ष में महापौर नवीन जैन ने नगर निगम के समस्त अधिकारियों के साथ एक मैराथन बैठक ली जिसमें शहर के विकास कार्यों और उनकी गुणवत्ता को लेकर चर्चा हुई। बैठक की शुरुआत करते हुए महापौर नवीन जैन ने मौजूद अभियंताओं से कहा कि सरकार विकास के लिए योजना बनाती है, क्योंकि आप सभी अधिकारी है और उन योजनाओं के लिए आने वाले पैसे को खर्च करने की जिम्मेदारी सरकार ने आपको दी है। इसलिए विकास कार्यों में होने वाले खर्च पर आपकी पूरी निगरानी होनी चाहिए जिससे भविष्य में जांच होने पर ना तो पैसे का दुरुपयोग हो और ना ही आपको किसी कठिनाई का सामना करना पड़े।
महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने सभी अभियंताओं को निर्देशित किया कि किसी भी निर्माण कार्य का एस्टीमेट बनाते समय पूरी सावधानी बरतें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रायः देखने में आता है कि जेई अपने चेंबर में बैठकर सुपरवाइजर से एस्टीमेट बनवाते हैं जो कि नियम विरुद्ध है, साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि एस्टीमेट का जो अमाउंट निर्धारित होता है उस अमाउंट को फिर किसी भी सूरत में ना बढ़ाया जाए। अन्यथा की स्थिति में वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
महापौर नवीन जैन ने सभी अभियंताओं को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य हो जाने के बाद मलबा हटाने की जिम्मेदारी अवर अभियंताओं की होगी जिसे वे ठेकेदार के माध्यम से हटवाएंगे। अगर तय समय में सफाई नहीं होती है तो नगर निगम ठेकेदार के खर्चे पर ही यह कार्य कराएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी कार्य कराने वाले व्यक्ति की होगी।
महापौर और नगर आयुक्त ने अभियंताओं को कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिशासी अभियंता, जेई और एई चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण करने के लिए मौके पर जाएंगे और निरीक्षण के दौरान का एक फोटो संबंधित अधिकारी को भेजेंगे। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान लिया गया फोटो और रिपोर्ट को निर्माण फ़ाइल में लगाएंगे।
बैठक के दौरान महापौर ने साफ लहजे में कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई तो होगी साथ ही अवर अभियंता को भी दंडित किया जाएगा। सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा। नगर निगम में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं अनावश्यक रूप से एस्टीमेट बनाकर जो लोग धनराशि का दुरुपयोग करेंगे वह कड़ी निगरानी के घेरे में रहेंगे और दोष सिद्ध होने पर नगर निगम के पास कार्रवाई के सभी विकल्प खुले रहेंगे।