आगरा। सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार वत्स लगातार ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इस निरीक्षण के दौरान खामियां तो मिल ही रही हैं वहीं चिकित्सक भी नदारद मिल रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा मंगलवार को निरीक्षण में देखने को मिला।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने खेरागढ़, अयेला, कागारौल और दिगरोता के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। सबसे पहले सीएमओ स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लेने के लिए अयेला के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। इस स्वास्थ्य का निरीक्षण करने के दौरान सीएमओ को स्वास्थ्य केंद्र की बाउंड्री वॉल टूटी हुई मिली। पीने के लिए पानी नहीं था समरसेबल खराब पड़ी हुई थी। तमाम अव्यवस्थाओं के बीच इस स्वास्थ्य केंद्र को चलता देख सीएमओ नाराज नजर आए। अधीनस्थों से पूछताछ की तो पता चला कि इस स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक नीरू भी मौजूद नहीं थी। लेकिन इस निरीक्षण की जानकारी होने के बाद वह 1 घंटे में ही मौके पर पहुंच गई। इस दौरान सीएमओ ने देर से स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने और तमाम अव्यवस्थाओं के लिए उनसे स्पष्टीकरण भी मांग लिया।
इसके बाद सीएमओ खेरागढ़ पहुंचे। खेरागढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्होंने औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बर्थ रजिस्ट्रेशन के रजिस्टर को चेक किया लेकिन बर्थ रजिस्ट्रेशन का काम सिर्फ 37% ही मिला। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत भी सही तरीके से काम नही चल रहा था जिसको लेकर सीएमओ ने नाराजगी जताई। खेरागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 10 सत्रों से टीकाकरण किया जा रहा है। बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है जिससे सीएमओ काफी नाराज दिखाई दिए।
उन्होंने साफ कहा कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए जिससे बच्चों को वैक्सीन लगाई जाए सके। वहीं काउंसलर सुमित्रा सिंह भी अनुपस्थित पाई गई जिसके खिलाफ उन्होंने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इसके बाद सीएमओ मुकेश कुमार खेरागढ़ में स्थित पुराने सरकारी अस्पताल पहुंचे। जर्जर अवस्था में पड़े इस अस्पताल को दुरुस्त कराने और इसमें 50 बेड की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधीनस्थ को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी कागारौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां भी स्वास्थ्य सेवाएं चौपट नजर आई। वेट मशीन, वार्मर, बीपी मापक यंत्र खराब पड़ा हुआ था। प्रभारी से इसके बारे में पूछा गया कि आप बीपी का मरीज कैसे नापते हैं तो अधीनस्थ इधर-उधर झांकने लगे। फार्मेसिस्ट विवेक मिश्रा दवाओं का रखरखाव ढंग से नहीं कर रहे थे इसके लिए उन्हें चेतावनी भी दी गई।
सीएमओ मुकेश कुमार वत्स का कहना था कि निरीक्षण के दौरान अयेला, खेरागढ़, कागारौल और दिगरोता में तमाम खामियां मिली हैं और चिकित्सक भी अनुपस्थित नजर आए हैं। खामियों को दुरुस्त करने और अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।