मथुरा। लॉक डाउन 3 में विभिन्न राज्यों से प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय कर जैसे तैसे अपने घर पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कई दुर्घटनाओं में प्रवासी मजदूरों की हो रही मौतों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों के पैदल या वाहनों द्वारा आवाजाही पर रोक लगा दी है, जिसके चलते आज रविवार सुबह दिल्ली आगरा हाईवे पर प्रवासी मजदूरों को रोके जाने पर जमकर हंगामा हुआ। प्रवासी मजदूरों ने टायर में आग लगाकर हाईवे को जाम करने का प्रयास किया। इस दौरान मथुरा पुलिस ने हंगामा कर रहे मजदूरों के ऊपर लाठियां बरसाई।
मथुरा के फरह क्षेत्र में हंगामा कर रहे इन मजदूरों का कहना था कि वे पिछले तीन-चार दिन से भूखे प्यासे हैं। उनके पास जो भी जमा पूंजी थी वह पूरी तरह खत्म हो चुकी है, घर जाना चाहते हैं लेकिन घर भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। पैदल चलने पर भी रोक लगा दी है, लगभग ढाई हजार मजदूर इस परेशानी से गुजर रहे हैं।
सीओ रिफाइनरी वरुण कुमार ने बताया कि मजदूरों की भीड़ अचानक से हाईवे पर आ गई और टायर में आग लगाकर जाम लगाने की कोशिश की गई। काफी हंगामे के बाद जाम खुलवाने के लिए लाठियां फटकारी गई।
वहीं इस घटना के बाद यह देखने में आया कि पुलिस ने फिर से ट्रकों में मजदूरों को बैठाकर भेजना शुरू कर दिया है।गौरतलब है कि औरैया में हुए हादसे के बाद योगी सरकार ने ट्रकों में मजदूरों को बैठने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद मजदूर पैदल चलने के लिए मजबूर हो गया था लेकिन देर शाम तक मजदूरों के पैदल या अन्य वाहनों से किसी भी तरह की आवाजाही पर पूरे रोक लगा दी गई थी। संबंधित जिला प्रशासन को मजदूरों को वहीं रोकने और उनके खाने-पीने के समुचित इंतजाम आज के निर्देश दिए गए थे लेकिन इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है। पुलिस ने फिर से मजदूरों को ट्रकों में भेजना शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि भविष्य में फिर से हादसों में मजदूरों की मौत होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।