Mathura. ब्लॉक फरह कार्यालय पर एक महिला अपनी 5 वर्षीय बेटी को ₹500 में बेच रही थी। उस महिला को जो व्यक्ति दिखाई देता वो उससे बेटी को खरीदने की बात कहने लगती। 5 वर्षीय मासूम को बेचे जाने की सूचना जैसे ही चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर मिली तो चाइल्ड लाइन सदस्य अंकित कुमार, सविता एवं ममता वर्मा तुरंत मौके पर पहुँच गए और महिला को बच्चियों के साथ थाना फरह ले आये। पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो पता चला कि महिला मानव तस्करी की शिकार हुई है। चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों के अनुसार महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है।
चाइल्ड लाइन कार्यालय पर फोन पर एक व्यक्ति ने सूचना दी कि एक महिला ब्लॉक कार्यालय पर बैठी हुई है। उसके साथ दो बालिकाएं 7 वर्षीय एवं 5 वर्षीय है। वह अपनी 5 वर्षीय बेटी को 500 रुपये में बेचने की बात कह रही है। इस सूचना पर चाइल्डलाइन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला से बात की और उसे बच्चों सहित से क्षेत्रीय थाने ले आई। जहां पर पुलिस ने महिला और बच्चों से बातचीत की और कागजी कार्यवाही पूर्ण कर सामुदायिक स्वस्थ केंद्र पर बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों ने बताया कि अगले दिन बालिकाओं की कोविड जाँच करायी गयी जोकि नेगेटिव आयी। इसके बाद उक्त दोनों बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के आदेश पर राजकीय बाल शिशु गृह में आश्रय प्रदान करा दिया गया है।
कोऑर्डिनेटर चाइल्ड लाइन मथुरा नरेन्द्र परिहार ने बताया कि उक्त बालिकाओं की माँ देखने पर मानसिक विक्षिप्त प्रतीत हो रही है। महिला से बात करने पर बालिकाओं के पिता का मोबाइल नम्बर प्राप्त हुआ। जब चाइल्ड लाइन सदस्य ने उक्त नम्बर पर सम्पर्क किया गया तो बच्चों के पिता जस्सा सिंह ने बताया कि वह पंजाब का रहने वाला है। उक्त महिला उसकी पत्नी है। जस्सा सिंह के अनुसार आज से 06 वर्ष पहले उसने उक्त महिला को 40000 हजार रुपये में खरीदा था। बड़ी बेटी उक्त महिला अपने साथ लायी थी जबकि छोटी बेटी उसकी है। उक्त महिला को बेचने वाला व्यक्ति उसके पहचान वाला है। वह अपनी बेटी को लेने हेतु आ रहा है। चूंकि यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। अतः उक्त सम्बन्ध में बाल कल्याण समिति को सूचित कर दिया गया है।
स्नेहलता चतुर्वेदी सदस्या बाल कल्याण समिति मथुरा ने बताया कि उक्त प्रकरण चाइल्ड लाइन द्वारा संज्ञान में दिया गया है। मामला मानव तस्करी का प्रतीत हो रहा है। अतः समिति द्वारा AHTU मथुरा को मामले की जाँच हेतु आदेशित किया गया है और दोषी पाए जाने पर विधिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। तब तक उक्त दोनों बालिकाए राजकीय बाल शिशु ग्रह में ही आश्रित रहेंगीं।
रमेश भरद्वाज प्रभारी निरीक्षक फरह ने बताया है कि बालिकाओं की माँ उनके संरक्षण में है। इसके पति के आने के बाद ही इस मामले का निस्तारण किया जाएगा।