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आगरा मंडलायुक्त के आवास परिसर से मॉनिटर लिज़ार्ड का हुआ रेस्क्यू, सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया

by admin

आगरा। ताज़ रोड पर स्थित आगरा मंडलायुक्त के निवास परिसर में 3 फुट लंबी एक मॉनिटर लिज़ार्ड (गोह) दिखने से वहाँ ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी भयभीत हो गए। गोह को वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट द्वारा सुरक्षित रूप से बचाया गया और बाद में अपने प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।

वाइल्डलाइफ एसओएस के 24-घंटे हेल्पलाइन नंबर (+ 91-9917109666) पर आगरा मंडलायुक्त अनिल कुमार के सरकारी आवास परिसर में एक बड़ी मॉनिटर लिज़ार्ड दिखने की सूचना प्राप्त हुई। ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने गोह को बगीचे में देखा और तुरंत इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी जिसके बाद उन्होंने मदद के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क किया।

वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ स्थान पर पहुंची। यह सुनिश्चित करने के बाद कि वहाँ मौजूद अधिकारी एवं कर्मचारी सुरक्षित दूरी पर हैं, उन्होंने सावधानीपूर्वक गोह को पकड़ा और सुरक्षित रूप से उसे एनिमल एम्बुलेंस में स्थानांतरित कर दिया। मॉनिटर लिज़ार्ड को कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखने के बाद, सुरक्षित रूप से वापस जंगल में छोड़ दिया गया ।

आगरा मंडलायुक्त के पी.ए, ओमवीर सिंह ने बताया, “जैसे ही हमे सूचना प्राप्त हुई हमने वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम को इससे अवगत कराया l परिसर में अक्सर सांप या मॉनिटर लिज़ार्ड दिखने के कारण वाइल्डलाइफ एसओएस का इमरजेंसी नंबर हमारी आपातकालीन संपर्क सूची में रहता है। उनकी टीम बचाव अभियान चलाने में तेज़ और कुशल थी।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हम आगरा मंडलायुक्त कार्यालय का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क किया। मॉनसून और बारिश की वजह से इनके घर तबाह हो जाते हैं और यह सांप एवं मॉनिटर लिज़ार्ड दूसरी सूखी जगहों पर आश्रय लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं।”

एक अन्य घटना में, सिकंदरा स्थित कटियाल इंडस्ट्रीज के स्टोर रूम से वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने चार फुट लंबी गोह को बचाया, जिसे बाद में वापस जंगल में छोड़ दिया गयाl

बंगाल मॉनिटर या कॉमन इंडियन मॉनिटर भारत में पाए जाने वाले चार मॉनिटर लिज़ार्ड की प्रजातियों में से एक है, और यह सभी भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत संरक्षित हैं एवं इनके शरीर के अंगों के आयात या निर्यात पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा हुआ है।

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