Agra. भाजपा विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक योगेन्द्र उपाध्याय, इतिहासकार डॉ. सुगम आनन्द और स्व. डॉ अमी आधार निडर ने अपने अपने ढंग से इतिहास के तथ्यों को खंगाल कर, देश के प्रमुख पुरातत्वविदों और इतिहासकारों से सम्पर्क कर, राजस्व अभिलेखों के आधार पर जो तथ्य संग्रहित किये थे। उन तथ्यों के आधार पर मीना बाजार की कोठी को जयपुर राजघराने के राजा रामसिंह की कोठी के रूप में चिन्हित किया गया। तथ्यों के मुताबिक मुगल सम्राट औरंगजेब ने छलकपट से छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके पुत्र को उसी कोठी में नजरबंद किया था। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विधायक योगेन्द्र उपाध्याय और उनकी टीम पिछले 3-4 सालों से यह प्रयास कर रही है कि कोठी मीना बाजार को शिवाजी महाराज का एक ऐसे स्मारक के रूप में विकसित किया जाये जो कि देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्थल बने और एक ऐसा पर्यटक स्थल विकसित हो जो कि देश-विदेश को आकर्षित कर भारत के शौर्य पूर्ण इतिहास से परिचित हो सके।
इसी क्रम में शासन के निर्देश पर बीते बुधवार को आगरा जिलाधिकारी पी एन सिंह के यहाँ एक बैठक हुई जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट अरूण यादव, ए.सी.एम. वी.के. गुप्ता, पर्यटन अधिकारी प्रदीप टमटा ने विस्तृत चर्चा की। बैठक में चर्चा के दौरान उसे विकसित करने की प्रक्रिया हेतु दो तरह के विचार सामने आये है। चूंकि ये ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व का भवन है अतः पुरातत्व विभाग, द्वारा संरक्षित सम्पत्ति घोषित कर इसको स्मारक के रूप में विकसित किया जा सकता है। दूसरा, इस कोठी के वर्तमान स्वामीयों द्वारा इसे किरायेदारों से मुक्त कराकर शासन इसका क्रय कर विकसित करने की योजना बनाये।
चर्चा के दौरान यह भी तय किया गया कि कोठी मीना बाजार को शिवाजी महाराज के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का संग्रहालय बनाया जाये। उनकी 100 फुट ऊँची घुड़सवार मूर्ति स्थापित की जाये, एक ऑडिटोरियम हॉल निर्मित कर जिसमें शिवाजी महाराज के आगरा से जुडे शौर्यपूर्ण, साहस पूर्ण, कुशल योजना और उस पर साहस और कुशलता से कार्यान्वयन के अध्याय को ‘‘लाईट एण्ड साउण्ड’’ प्रोग्राम के रूप में दर्शाने का प्रबन्ध किया जाये, जिससे यह स्थल आने वाली पीढियों तक के लिए एक प्रेरणा स्थल तो बनेगा ही साथ ही देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक ऐसा आकर्षण का केन्द्र होगा जहाँ से भारतीय इतिहास के राष्ट्र गौरव का परचम फहरायेगा।
भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय, इतिहासकार डॉ0 सुगम आनन्द, डॉ0 सुनील उपाध्याय, पप्पू अब्बासी, देशराज वर्मा, ईश्वरीप्रसाद शर्मा ने मीना बाजार की कोठी का स्थलीय अवलोकन भी किया जिससे वहां के स्मारक स्थल के विकास का खाका तैयार किया जा सके।