कजाकिस्तान के अल्माटी प्रांत में एक टीला उभर आया। इसे बर्फ का ज्वालामुखी (आइस वोल्कैनो) कहा जा रहा है। केगन और शरगानक के गांवों के बीच बर्फ से ढंके मैदानों में उभरे इस टीले से लगातार खौलता पानी निकला, जो बाहर आकर बर्फ में तब्दील हुआ। इस कारण इसकी ऊंचाई बढ़ रही थी।
नूर सुल्तान से चार घंटे की दूरी पर मौजूद इस अजूबे को देखने के लिए जमा देने वाली सर्दी में भी सैकड़ों लोग पहुंचे। बीते साल अमेरिकी लेक मिशिगन में भी ऐसी ही आकृति उभरी थी, लेकिन वो इंसानी कद जितनी थी। पहला मौका है, जब यह टीला इतनी ऊंचाई तक पहुंचा।
![Interesting news: here the ice volcano is 45 feet high, the boiling water comes out](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/02/WhatsApp-Image-2021-02-13-at-5.54.37-PM-1.jpeg)
धरती में हलचल से गर्म पानी फव्वारे की शक्ल में आता है तो सर्द हवा से जम जाता है। लगातार लावा निकलते रहने से पानी बर्फ के रूप में आसपास जमा हो गया। इसी से 45 फीट ऊंचा ज्वालामुखी बन गया।
सर्दियां शुरू होने के साथ यह बढ़ता गया। नए की शुरुआत से यह तेजी से बढ़ने लगा था और ऊंचाई 14 मीटर तक पहुंच गई। जिसके बाद यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।
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