वाइल्डलाइफ एसओएस इंडिया और एसीआरइएस सिंगापुर ने संयुक्त रूप से चलाए गए मिशन के तहत 50 से ऊपर इंडियन स्टार कछुए, जो कि पूर्व में तस्करों द्वारा गैरकानूनी तरीके से भारत से तस्करी कर सिंगापुर भेज दिए गए थे, वापस भारत लाये जा रहे हैं।
सिंगापुर में इन कछुओं को वहाँ के अधिकारियों ने पकड़ा था। भारत और सिंगापुर की सरकार के सहयोग से ये कछुए वापस भारत में लाये जा रहे है जिसके बाद इन्हें कर्नाटक में इनके प्राकर्तिक आवास में छोड़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एसओएस ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इस मामले में अनुमति मिलने के बाद इन कछुओं को भारत लाने के लिए 3 सदस्यों की टीम भेजी है जिसमे वाइल्डलाइफ एसओएस के वेटरनरी डॉक्टर अरुण, स्पेशल प्रोजेक्ट्स मैनेजर वसीम अकरम और सूचना अधिकारी अरिनिता शामिल थे। पूर्व में वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण के साथ वन विभाग के सीनियर अधिकारी भी कछुओं के निरीक्षण के लिए सिंगापुर गए थे। भारत में इन कछुओं को 3 महीने देख रेख में रखने के बाद, रेडियो टैग कर के वापस प्राकर्तिक माहौल में छोड़ा जाएगा।
सह संस्थापक वाइल्डलाइफ एसओएस के कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि यह बहुत ही सुकून की बात है कि तस्करी किये गए कछुए वापस भारत आ रहे है। हम पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, डीजीसीऐ और कस्टम अधिकारी, कृषि मंत्रालय, भारत एवं सिंगापुर सरकार के अधिकारियों, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन कर्नाटक और ऐसीआरईएस, सिंगापुर का धन्यवाद के पात्र है।
डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव, ऐसीआरईएस अनबारसी बूपल ने बताया कि शुरूआत में इस कार्य को अंजाम देना काफी मुश्किल था लेकिन सभी के प्रयास से यह कार्य संभव हो सका। हम गैरकानूनी वन्यजीव तस्करी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। गीता शेषमणि, सह-संस्थापक, वाइल्डलाइफ एसओएस गीता शेषमणि का कहना था कि ऐसे देशप्रत्यावर्तन मिशन वन्यजीव संरक्षण को बड़ावा देते है और यह सुनिष्चित करते है कि गैरकानूनी तरीके से किये गए वन्यजीव तस्करी को जड़ से खत्म किया जाए।
पीसीसीएफ और चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन कर्नाटक का कहना था कि कर्नाटक वन विभाग अंत्यंत खुश है की हमारी सहभागिता से इन कछुओं को वापस भारत लाया जा रहा है और इन्हें वापस प्राकर्तिक आवास में रिलीस करा जाएगा।