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इंडियन काउंसिल ऑफ कैमिस्ट्स का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू, युवा वैज्ञानिकों से समाजोपयोगी शोध कार्य करने का आह्वान

by admin
Indian Council of Chemists' two-day national convention begins, appeals to young scientists to do socially useful research

आगरा। इंडियन काउंसिल ऑफ कैमिस्ट्स का दो दिवसीय 40वां राष्ट्रीय अधिवेशन आभासी मोड में आन लाइन सथावहाना विश्वविद्यालय, करीम नगर, तेलंगना राज्य एवं रसायन विभाग, डा भीमराव आंबेडकर विवि, आगरा के संयुक्त तत्वाधान में आज प्रारम्भ हुआ। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि सथावहाना विवि के कुलपति प्रो. संकासला मलेष ने कहा कि इस संस्था का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने से हमारे विवि में शोध के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जुड़ेगें। उन्होंने आज की टेक्नोलोजी से युवाओं को जुड़ने के लिये प्रेरित किया।

अध्यक्षता करते हुए आईसीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा जी.सी. सक्सेना, पूर्व कुलपति ने युवा वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ऐसे शोध की आवश्यकता है जो समाजोपयोगी हो तथा जिसमें देश की ज्वलंत समस्याएं जैसे वायू प्रदूषण, जल प्रदूषण, जैसे क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम देने की क्षमता हो। उन्होंने अनेक वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुऐ बताया कि अधिकतर वैज्ञानिकों ने प्रारम्भ काल में जीवन में संघर्ष किया बाद में उच्च कोटि के अविष्कार किये। भारतीय युवा वैज्ञानिकों को आवाह्न किया कि नोबल पुरस्कार प्राप्त करने का जज्बा लेकर शोध कार्य को आगे बढाना होगा।

राष्ट्रीय महामंत्री एवं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश धाकरे ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ कैमिस्ट्स की स्थापना वर्ष 1981 में आगरा में हुई थी। नये युवा वैज्ञानिकों को पूरे देश एवं विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में हो रहे शोध से जोडना तथा उन्हें अपना शोध कार्य प्रदर्षित कर उत्कृष्ट कार्य को सभी के सामने लाने का कार्य संस्था कर रही है। अभी तक 39 राष्ट्रीय अधिवेशन देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो चुके हैं तथा 6 अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुए हैं।

अधिवेशन में टीआईआरएफ, हैदराबाद के निदेशक प्रो. बी. चन्द्रशेखर ने ‘न्यू टूल किट्स फार मोलीक्युलर कारपेन्ट्री’ विषय पर व्याख्यान दिया। संयुक्त महामंत्री प्रो. अजय तनेजा एवं डा. एस.सी. गोयल ने कार्यक्रम रूपरेखा प्रस्तुत की। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डा. मनोज रावत ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इससे पूर्व रसायन विभाग, सथावहाना विवि की डा. मदरला सारासिजा ने सभी का स्वागत किया। प्रो. बी.पी. सिंह ने आगरा में तकनीकी व्यवस्थाओं में सहयोग किया। अधिवेशन में पुणे के प्रो. सतीश परदेशी, बोध गया के प्रो. शिवाधर शर्मा , हैदराबाद की प्रो. पी. लीलावथी एवं दिल्ली विवि के प्रो. पी. वेन्कटेशू ने तकनीकी सत्रों का संचालन किया। जिनमें लगभग 100 शोध पत्रों का वाचन किया गया। उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के प्रो. डी. अशोक ने समन्वयक का कार्य किया।

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