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ताजमहल के साये में सैकड़ों लोगों ने किया योग, ‘अर्हं योग से ही मिलता है सिद्धों का ताज’ – मुनी प्रणम्यसागर

by admin
Hundreds of people performed yoga in the shadow of the Taj Mahal, 'the crown of siddhas is attained only by ego yoga' - Muni Pranamyasagar

आगरा। ताजनगरी के इतिहास में पहली बार ताज के साये में आगरा दिगम्बर जैन परिषद के तत्वावधान में अर्हं ध्यान और योग कार्यक्रम आयोजित हुआ। ताजमहल के साये तले स्थित ताज खेमा के टीले पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य अर्हं मुनी प्रण्मय सागर जी व चन्द्र सागर जी महाराज के द्रारा अर्हं ऐ ताज नाम से भारतीय जैन प्राचीन योग एवं ध्यान की मुद्राये, ऊं अर्हं नमः के उच्चारण के मध्य वहां उपस्थित सैंकड़ो लोगों को सिखाये।

इस अवसर पर बोलते हुए मुनी प्रणम्यसागर सागर जी ने कहा कि अर्हं योग मन और तन दोनों को स्वस्थ रखता है, अत: नित्य प्रात: प्रत्येक व्यक्ती को इन मुद्राओं को अवश्य करना चाहिए। पांच मुद्राओं पर निर्भर यर अर्हं ध्यान योग की प्रक्रिया है। इसमें योग कम ध्यान ज्यादा है। शरीर में चक्रों को सक्रिय करके रोगों को दूर व मानसिक रूप से व्यक्ति को मजबूत बनाने की प्रक्रिया है। यह सिर्फ शारीरिक क्रियाओं का योग नहीं, इस योग के जरिए हम अपनी चेतना की शक्ति को महसूस कर सकते हैं। अपनी चेतना की शक्ति से अपने मस्तिष्क को व्यवस्थित और रोगों को दूर कर सकते हैं।

Hundreds of people performed yoga in the shadow of the Taj Mahal, 'the crown of siddhas is attained only by ego yoga' - Muni Pranamyasagar

आज के कार्यक्रम मे जहां पूरे देश के विभिन्न प्रान्तों से लोग आये वहीं आगरा नगर के भी सैंकड़ो लोग पधारे। जिसमें प्रदीप जैन PNC, जगदीश प्रसाद जैन, सुनील जैन ठेकेदार, नीरज जैन, निर्मल मोठ्या, राकेश जैन पर्दा, राजेन्द्र जैन एडवोकेट, मनीश जैन, विमल जैन, पन्नालाल बैनाडा, हीरालाल जैन, चौधरी गौरव जैन अंकेश जैन आदि प्रमुख थे। संगीत एवं स्वर दीपक जैन, शशी पाटनी, संस्कृति, ख्याती ने दिया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन मुख्य संयोजक मनोज कुमार जैन बाकलीवाल ने किया।

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