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ट्वीट के बाद शासन का चला डंडा, पहली बार लाइट से रोशन हुआ ये गाँव, 4 दिन की चांदनी से खुश नहीं ग्रामीण

by admin
Governance's stick after the tweet, this village was illuminated with light for the first time, villagers not happy with 4 days of moonlight

उत्तर प्रदेश के जनपद एटा की ग्राम पंचायत पहरा का गांव तुलई पहली बार विद्युत रोशनी से जगमगाया। कुल 40 घरों वाले इस गांव की आबादी लगभ 500 की है लेकिन आजादी के बाद से यहां अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। आम दिनों में जहां लोग लालटेन और मोमबत्ती की रोशनी से काम चला लेते थे लेकिन गांव के एक व्यक्ति के ट्वीट ने दीपावली पर इस गाँव की किस्मत बदल दी। दीपावली पर गांव अंधेरे में न रहे इसके लिए प्रशासन ने जनरेटर लगवा कर सभी के घरों को विद्युत कनेक्शन दिया और इस दीवाली पर उनका गांव पहली बार रोशनी से जगमगाया।

एक ट्वीट ने प्रशासन की नींद उड़ाई

दिवाली पर चारों ओर के गांवों की चकाचौंध देखकर गांव के लोग निराश रहते थे। इसे लेकर हाल ही में एक ट्वीट किया गया तो शासन ने मामले को गंभीरता से लिया। बुधवार देर शाम अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से दो जेनरेटर तथा गांव में तीस लाइटों की व्यवस्था की गई। रात तक अधिकारी गांव में डेरा डाले रहे। गुरुवार शाम तक व्यस्थाएं दुरुस्त कर ली गई और सभी घरों को विद्युत कनेक्शन देकर उन्हें रोशन किया।

चार दिन की चांदनी से संतुष्ट नहीं ग्रामवासी

ग्राम नगला तुलई मे चार-पांच दिन दिवाली मनाने के लिए की गई व्यवस्था से ग्रामीण खुश तो हैं, लेकिन इस बात को लेकर असंतुष्ट भी हैं कि चार दिन की चांदनी के बाद फिर अंधेरा पसर जाएगा। गांव के राजाराम, कन्हईलाल, श्यामसिंह, अनिल कुमार आदि का कहना है कि अधिकारियों और विद्युत निगम को समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए। जब गांव का विद्युतीकरण हो जाएगा तो हमें अंधेरे से आजादी मिल सकेगी।

Governance's stick after the tweet, this village was illuminated with light for the first time, villagers not happy with 4 days of moonlight

मोमबत्ती और दीपकों से होती रोशनी

तुलाई के साथ 127 गांव और है जहाँ लाइट नही है। यहाँ के रहने वाले लोग रोज अंधेरा होने पर मोमबत्ती और सरसों के तेल के दीपकों से रोशनी करते हैं। साथ ही इसी की रोशनी में घर के जरूरी काम से लेकर बच्चे पढ़ाई भी करते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, लाइट के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक चक्कर लगाए, लेकिन कहीं पर सुनवाई नहीं हुई। अब वह इसे अपनी किस्मत मानकर थक हार कर बैठ गए हैं। वह रात का खाना दिन में ही बना लेते हैं। साथ ही अंधेरा होने से पहले सो भी जाते हैं।

सौभाग्य योजना का भी नहीं मिला फायदा

देश की मोदी सरकार और सूबे की योगी सरकार देश के प्रत्येक राज्यों में सौभाग्य बिजली योजना का संचालन कर रही है। इसके अंतर्गत सरकार का हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके बावजूद ग्रामीणों को योजना का फायदा भी नहीं मिल पा रहा है। सौभाग्य योजना के तहत इन गावों के विद्युतीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था, पर वो अप्रूव नहीं हो सका। इसके बाद ऐसे छोटे गांवों में विद्युतीकरण करने के लिये सौभाग्य एक्टेंशन योजना लागू की गई, लेकिन उसमें भी इन गावों का विद्युतीकरण नहीं हो सका। अभी हाल ही में विद्युतीकरण की रिवैंप योजना आई है। अधिकारियों के अनुसार इसकी डीपीआर अभी बन रही है।

एसडीएम अलीगंज मानवेंद्र सिंह ने कहा कि अगले सात दिन तक जेनरेटर से गांव में प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। सोलर लाइट लगवाने के लिए बात कर रहे हैं। विद्युतीकरण की भी स्वीकृति मिल गई है। गांव के लोग अंधेरे में नहीं रहेंगे।

इस मौके पर उपजिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी भूपसिंह बघेल, एक्सईएन राजकुमार, एसडीओ आफताब आलम, जेई जितेन्द्र कुमार, ग्राम पंचायत अधिकारी भूप सिंह बघेल, लाइनमेन दिलीप कुमार, संजय, भोले सिंह आदि रहे।

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