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नगर निगम और सर्वेक्षण टीम की मीटिंग पर उठ रहे हैं सवाल, जानिये क्यों

by pawan sharma

आगरा। केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छता सर्वेक्षण टीम के माध्यम से पूरे देश में स्वच्छता का संदेश और एक नजीर पेश करने के लिए अभियान चला रही है। केंद्र सरकार की इस टीम पर जिम्मेदारी है कि वो सरकार को सही आंकड़े दे कि सरकार ने जो पैसा और मशीनरी दी है उसका सदुपयोग शहर को स्वछ बनाने में हो रहा है या नहीं लेकिन लगता है कि आगरा नगर निगम सरकार को सही आंकड़े देना नहीं चाहती। क्योंकि आगरा नगर निगम के अधिकारी एक बंद कमरे में बैठकर सर्वेक्षण की टीम के साथ इस कार्यवाई को अंजाम दे रहे हैं।

स्वच्छ्ता सर्वेक्षण के लिए आई टीम को कोई खामियां न मिले इसलिए नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने टीम के साथ बंद कमरे में ताला लगाकर आंकड़ों की बाजीगरी करने में जुटे गए ताकि आगरा को बेहतर रैंकिंग दिलाई जा सके। ऐसा पहली बार देखने में मिला है कि किसी सरकारी महकमे में कोई आला अधिकारी ताला लगवा कर किसी मीटिंग को कर रहा हो। इसका जीता जागता नमूना कार्यकारिणी की ओर जाने वाले मुख्य द्वार पर लगा यह ताला है।

क्या नगर आयुक्त टीम को कागजी घोड़े दौड़ा कर और स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम को गलत आंकड़े दिखाकर अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं। यह बड़ा सवाल है। इतना ही नहीं गेट पर ताला लगा दे कई फरियादियों को बैरंग भी लौटना पड़ा और हर कोई ताला लगे होने का कारण पूछता नजर आया।

इस मामले पर जब पार्षदों से बात करनी चाही तो कोई भी इस मुद्दे पर बोलने को तैयार न था। महापौर आगरा का भी फोन स्विच ऑफ आ रहा था।

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