15 और 16 फरवरी की मध्य रात्रि से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए फास्ट टैग जरूरी होगा इस दौरान जिस गाड़ी पर फास्ट टैग नहीं होगा, उस पर भारी जुर्माना जुर्माना लगाया जाएगा। फिलहाल टू व्हीलर वाहनों को फास्टैग से छूट दी गई है।फास्टैग साल 2011 में लागू किया गया था जिसके बाद साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी भी कर दिया गया था। लेकिन कुछ समय पहले ही सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज पर टोल की वसूली फास्टैग के जरिए अनिवार्य करने की डेडलाइन 15 फरवरी तय कर दी थी जिसकी वो मियाद खत्म हो रही है। इसे लेकर सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा साफ तौर पर कह दिया गया है कि इस डेडलाइन को और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
केंद्र सरकार ने यह कदम टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर टोल कलेक्शन (Toll collection) को आसान, शर्तों और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ टोल पर लगने वाले लंबे जाम से छुटकारा दिलाने के लिए उठाया गया है।
अगर नियम लागू होने के बाद गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक/मालिक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना भरना होगा।सरकार की मनसा है कि 15 फरवरी से 100 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से ही कलेक्ट किया जा सके।फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसद ही फास्ट टैग से आते हैं।
रविवार को जारी किए एक बयान में मंत्रालय की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि यह कदम डिजिटल मोड को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है साथ ही वेटिंग टाइम को कम करने या खत्म करने के सापेक्ष में है।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने फास्टैग को लेकर दो कैटेगरी बनाई हैं। एक है एम (M) कैटेगरी, जिसमें ऐसे चार पहिया वाहनों को शामिल किया जाएगा, जो यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करते हैं। दूसरी कैटेगरी है एन (N), जिसमें सामान या फिर सामान के साथ यात्रियों को ले जाया जाता है।
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ रहता है। फास्टैग रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन या RFID टेक्नोलॉजी पर काम करता है। इस तकनीक की मदद से टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टीकर के बार कोड को स्कैन करके टोल फीस फास्टैग वॉलेट से वसूलने का काम करते हैं।

फास्टैग का प्रयोग करने वाले वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।फास्टैग पूरी तरह से लागू होने के बाद कैश पेमेंट से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा, इसके साथ ईंधन और समय की बचत भी होगी। साथ ही कैश पेमेंट ना करने से टोल पर काम करने वाले कर्मचारियों और वाहन चालकों को कोरोना का खतरा भी नहीं रहेगा।