जम्मू-कश्मीर के राजौरी में दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को ट्राउट मछली पालन करने में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मदद मिल रही है। मछलीपालन विभाग के सहायक निदेशक ने कहा,”राजौरी में मछली पालन की बहुत संभावना हैं। ट्राउट ठंडे पानी की मछली है, जिससे अच्छी कमाई होती है।”
जानकारों का कहना है कि ट्राउट मछली दिल के मरीजों के लिए रामबाण का काम करती है। यह मछली ठंडे पानी में रहती है। अभी हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में ट्राउड मछली पालन का काम किया जाता है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसका स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड में उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और चकराता में कुछ किसानों ने ट्राउट फार्मिंग का काम शुरू किया है। बता दें ट्राउट मछली 1,000 से 1500 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। ट्राउट मछली स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है लेकिन ट्राउट मछली में केवल एक कांटा होता है।कांटा निकालने के बाद आप इसे चिकन और मटन की तरह पका सकते हैं। ट्राउट मछली में ओमेगा थ्री फैटी एसिड नामक तत्व होता है जो बहुत अच्छा पोषक तत्व है। ट्राउट का वजन एक किलो से लेकर तीन किलो तक हो सकता है लेकिन देश विदेश के होटलों में इसकी मांग काफी होती है।
दरअसल आपको बता दें कि साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के तहत केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की है। केंद्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही है। किसान क्रेडिट कार्ड धारक सिर्फ 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं और मत्स्य पालन का व्यापार कर सकते हैं।