Agra. देश की आजादी में वीर सपूतों की शहादत और उनके योगदान को कोई नहीं भुला सकता तो वहीं खादी वस्त्रों के माध्यम से अंग्रेजों की आर्थिक कमर को तोड़ने के लिए छेड़ी गई लड़ाई को भी हम भूल नहीं सकते। आजादी के आंदोलन के दौरान जब महात्मा गांधी ने देशवासियों से अपील की थी कि सभी देशवासी विदेशी वस्त्रों का त्याग कर खादी को अपनाएं तो देशवासियों में अलग जज्बा देखने को मिला था। लोगों ने विदेशी कपड़ों की होली तक जला दी थी और खादी को अपनाया था। आज जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो सरकार ने खादी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाया है।
खादी वस्त्रों को प्रोत्साहन देने के लिए रेलवे मंत्रालय की ओर से रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर खादी वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आजादी में महात्मा गांधी के योगदान व उनके द्वारा खादी को दिए गए प्रोत्साहन से यात्रियों को रूबरू कराने के लिए आगरा रेल मंडल की ओर से आगरा कैंट स्टेशन और मथुरा जंक्शन पर नि:शुल्क हथकरघा खादी वस्त्र उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी हथकरघा ग्राम उद्योग के सहयोग से लगाई जा रही है। इस प्रदर्शनी से रेल यात्री खादी के वस्त्रों को खरीद सकते हैं।
भारत सरकार की ओर से इस समय आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अमृत महोत्सव के दौरान खादी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से रेलवे स्टेशनों पर 75 घंटे के लिए नि:शुल्क खादी वस्त्रों की स्टॉल खोलने की इजाजत दी गई है। लोगों का मानना है कि देश की आजादी में खादी वस्त्रों का भी अहम योगदान है क्योंकि आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान पर देशवासियों ने विदेशी वस्तुओं को छोड़कर खादी के वस्त्रों को अपनाया था।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार आगरा कैंट रेलवे स्टेशन और मथुरा स्टेशन पर हथकरघा और खादी वस्त्रों की स्टाल लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का प्रतीक चिन्ह भी आजादी का महोत्सव रखा गया है। इन स्टेशनों पर आने वाले यात्री स्टेशन पर लगी प्रदर्शनी के माध्यम से खादी वस्त्रों से रूबरू होंगे तो वहीं उनकी खरीदारी भी कर सकेंगे।