कृषि कानून रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को बातचीत बेनतीजा होने के बाद ही किसानों ने अपनी बैठक की तारीख तय कर दी। कुंडली बॉर्डर पर 10 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सरकार के रुख को लेकर चर्चा की जाएगी।इसके अगले दिन 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। वहां सरकार का रुख देखकर किसान बड़ा फैसला लेंगे। सरकार 26 जनवरी की परेड के ऐलान को देखते हुए किसी तरह किसान नेताओं को मनाने में जुटी है, जबकि किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया के अनुसार किसान संगठनों को भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट किसानों के हक में फैसला लेगा। अब किसानों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है, क्योंकि सरकार से किसी तरह की उम्मीद नहीं है। सरकार अपना रुख साफ कर चुकी है कि वह कानून रद्द करने की जगह केवल संशोधन पर विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि किसान यहां जान देने को तैयार है और वह एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों ने आंदोलन घोषित कर रखे हैं और 26 जनवरी की परेड का ट्रायल सफल रहा तो अब सरकार बताएगी कि वह क्या चाहती है। उसे समाधान करना है या किसान पर वार करना है। इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन को तेज करने के लिए जनसंपर्क बढ़ा दिया है और गांव-गांव जाकर हर घर से एक व्यक्ति को भेजने की अपील करनी शुरू कर दी है। फिलहाल 11 जनवरी को संयुक्त मोर्चा अपना निर्णय लेगा।