चुनाव आयोग ने पारदर्शी चुनाव कराने के लिए सख्त कदम उठाए हैं जिसे लेकर आयोग द्वारा कई ऐप लांच किए गए हैं। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में चुनाव (Election) की तारीखों की घोषणा की है।वहीं जरूरी सुविधाओं के लिए कई IT टूल और ऐप भी उपलब्ध करवाएं हैं।
- Know your candidate app
क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट को लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि हर मतदाता को यह जानने का अधिकार है कि वह जिस कैंडिडेट को मत दे रहा है उसकी प्रवृत्ति कैसी है। इसलिए क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट कैंपेन के दौरान तीन बार अखबार या न्यूज़ चैनल में अपनी अपराधिक जानकारी प्रकाशित या प्रसारित करवाएं। वहीं पार्टी को भी अपने प्रत्याशी की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि आखिर उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को क्यों चुना। उम्मीदवार चुने जाने के 48 घंटों के दौरान जानकारी उपलब्ध करानी होगी। यह जानकारी Know Your Candidate App के माध्यम से मतदाता देख सकेंगे।बता दें यह ऐप चुनाव आयोग द्वारा बनाया गया है।
- सुविधा ऐप (Suvidha App)
चुनाव आयोग ने बताया कि सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सुविधा एप बनाया गया है, जिसके माध्यम से राजनीतिक पार्टी अपना कैंपेन एरिया चुन सकती हैं। इसके लिए उन्हें किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इस ऐप के माध्यम से अनुमति मिल जाएगी। यानी किसी सरकारी दफ्तर में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- PWD App
दिव्यांगजन अपने मत का सही इस्तेमाल कर सकें इसके लिए पीडब्ल्यूडी ऐप उपलब्ध कराया गया है। इस ऐप के जरिए दिव्यांगजन मतदान के लिए व्हीलचेयर, फ्री ट्रांसपोर्टेशन और अन्य सुविधाओं की मांग कर सकते हैं ताकि उन्हें मत देने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
- cVIGIL App
सबसे महत्वपूर्ण ऐप की सूची में इसे शामिल किया गया है। इस ऐप का इस्तेमाल सभी के द्वारा किया जा सकता है। ऐप के माध्यम से कोई भी चुनाव आयोग को जानकारी प्रदान कर सकता है। अगर कहीं चुनाव प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जाता है तो इस बात की जानकारी चुनाव आयोग तक पहुंचाई जा सकती है। यदि कहीं फ्री राशन, शराब और पैसे वोटर्स को लुभाने के लिए दिए जा रही है तो उस वक्त की फोटो क्लिक करके चुनाव आयोग तक पहुंचाई जा सकती है। फोटो भेजने के बाद चुनाव आयोग को खुद ब खुद जगह की जानकारी हो जाएगी। चुनाव आयोग का कहना है कि 100 मिनट के अंदर कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग को इस बात की उम्मीद है कि इस ऐप की मदद से पारदर्शी चुनाव कराने में वे सक्षम हो सकेंगे।
रिपोर्ट – आकांक्षा गुप्ता