विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर उद्योग में रासायनिक गैस लीक हो गई। आरआर वेंकटपुरम गांव में गुरुवार की सुबह केमिकल प्लांट से स्टीरीन (जहरीली गैस) का रिसाव हुआ है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि जानकारी मिली है कि एक बच्चे समेत 11 लोगों की मौत हो गई है। इस इलाके के लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने की शिकायत की है। इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर चिंता व्यक्त की। फिलहाल गैस के रिसाव पर काबू पा लिया गया है।
सीएम जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज अस्पातल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हादसे के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये और अस्पताल से छुट्टी मिलने वाले मरीजों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। पांच सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी।
एनडीएमए ने कहा कि यह एक रासायनिक आपदा है, प्रतिक्रिया के लिए रासायनिक पक्ष पर, रासायनिक प्रबंधन पक्ष पर, चिकित्सा पक्ष के साथ-साथ निकासी पक्ष पर विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री ने इस बात का जायजा लिया कि बोर्ड की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए।
आपको बता दें कि स्टीरीन बेंजीन का यौगिक है और प्लास्टिक पेंट बनाने में काम आती है। इस गैस के संपर्क आने से व्यक्ति के नर्वस सिस्टम पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इस गैस से 3 से चार किमी तक का इलाका प्रभावित हुआ है।
संयंत्र से तीन किलोमीटर के दायरे में जहरीली गैस के फैल जाने से आर आर वेंकटपुरम, पदमापुरम, बी सी कॉलोनी और कमपारापलेम सहित पांच गांव प्रभावित हुए हैं। जहरीली गैस से प्रभावित गांवों को खाली करा लिया गया है। इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से कई गाय, कुत्ते और अन्य जानवारों की भी मौत हो गई हैं। ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम ने ट्वीट किया, “गोपालपटना में एलजी पॉलिमर में गैस रिसाव हुआ है। इन स्थानों के आसपास रहने वाले नागरिकों से अनुरोध है कि वे सुरक्षा कारणों से घर से बाहर न निकलें।”
अधिकारियों ने कहा कि रिसाव का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीमों को प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिया है और बचाव अभियान अभी जारी है।