पर्यटन उद्योग में बढते रोजगार के अवसरों को देखते हुए पर्यटन मंत्रालय 12वीं पास छात्र-छात्राओं को पर्यटक सहायक बनाने की योजना बनाई है। 12 पास छात्रों को पर्यटक सहायक बनाने के लिये छह माह का ऑनलाइन कोर्स करना होगा जिसमे सफलता मिलते ही वो पर्यटक सहायक बन जाएंगे। अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े जिलों, जम्मू-कश्मीर और लेह के छात्र-छात्राओं के लिए यह कोर्स निशुल्क रहेगा। अन्य के लिए दो हजार रुपये देने होंगे। उन्हें सर्टिफिकेट और लाइसेंस दिए जाएंगे।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने होटल क्लार्क शिराज में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से हम जो जहां का है, उसे वहीं रोजगार देने का प्रयास करेंगे। इच्छुक व्यक्तियों को जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।
पर्यटन राज्य मंत्री का कहना था कि इस समय पर्यटन में रोजगार के काफी अवसर है। सरकार एडवेंचर टूरिज्म और एडवेंचर स्पोट्र्स को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और लेह-लद्दाख की लंबे समय से बंद 137 पहाडिय़ों को स्कीइंग और पर्वतारोहण के लिए खोला गया है जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन राज्य मंत्री का कहना था कि वहां सुरक्षा, सहयोग और बेस कैंप में जनसुविधाओं देना एक चुनौती है जिन्हें राज्य सरकार के सहयोग से दूर किया जाएगा।
संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों को लेह-लद्दाख भेजा गया है। नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी घोषणा करेंगे। बेड एंड ब्रेकफास्ट स्कीम को लेह व जम्मू-कश्मीर के गांवों में केंद्रीकृत स्तर पर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने ‘सुरक्षित भारत-सुरक्षित पर्यटक’ का लक्ष्य सभी के सहयोग से पूरा होने की बात कही।
प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि स्मारकों पर हिन्दी व अंग्रेजी में साइन बोर्ड लगे हैं। सभी भाषाओं में साइन बोर्ड नहीं लगा सकते हैं, लेकिन स्मारक पर आने वाले अन्य तीन शीर्ष देशों के पर्यटकों की भाषा के साइन बोर्ड जरूर लगाए जाएंगे। पर्यटन मंत्री ने खुद माना कि ऐतिहासिक स्मारकों पर लपकों का आतंक है। इसलिए लपकों से निपटने के लिए योजना तैयार कर ली है। इस समस्या के निदान के लिए हम स्मारकों के पांच किमी के क्षेत्र को जीरो एरिया बनाने को प्रयास शुरू करने जा रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आइकोनिक साइट पर प्लास्टिक, पॉलीथिन को पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर जोर दिया है। इसलिए दो अक्टूबर से स्वच्छता अभियान के तहत स्मारकों में प्लास्टिक और पॉलीथिन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।