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बाल श्रम और प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को लेकर दो दिवसीय वर्कशॉप का किया गया आयोजन

by pawan sharma

आगरा। विश्व प्रवासी दिवस के अवसर पर बीडब्ल्यूआई संस्था की ओर से बाल श्रम और प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को लेकर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। होटल गंगारत्न में आयोजित दो दिवसीय वर्कशॉप में ईट, भट्टा और पत्थर खदान मजदूरों के हितों से जुड़ी सात संस्थाओं के पदाधिकारियों ने शिरकत की जिसमें भारत के चार और नेपाल के तीन मजदूर संगठन शामिल थे। दो दिवसीय वर्क शॉप में मुख्य अतिथि के रूप में बीडब्ल्यूआई साउथ एशिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव शर्मा मौजूद रहे जिन्होंने इस वर्कशॉप की शुरुआत की।

वर्कशॉप के दौरान दोनों देश भारत और नेपाल में बढ़ रही बाल श्रम को लेकर सभी ने अपने अपने विचार रखे। इस वर्कशॉप के दौरान विदेशों में मजदूरी करने वाले प्रवासी मजदूरो की विभिन्न समस्याओं को सामने रखकर विचार विमर्श किया गया। मजदूर संगठनो ने इन समस्याओं से निपटने के लिए उनकी ओर से उठाए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी एक दूसरे से साझा की। विचार विमर्श के दौरान यह बात सामने निकलकर आई कि एक तरफ जहाँ सरकार बालश्रम को रोकने में फेल है तो प्रवासी मजदूरों के लिए ठोस योजना नहीं है। इस वर्कशॉप के दौरान सभी ने बालश्रम को रोकने और प्रवासी मजदूरो की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए अपने विचार रखे जिन्हें सरकार के सामने रख कर उन्हें सरकार की नीतियों में शामिल कराये जाने की बात कही।

बीडबल्यू साउथ एशिया की एजुकेशन ऑफिसर प्रेरणा प्रसाद का कहना था कि इस वर्कशॉप में भट्टा मजदूर सभा पंजाब, हिन्द खेत मजदूर पंचायत बिहार, उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन यूपी, नेपाल के सीयूपीपीईसी, सीएडबल्यूयूएन, और एएनसीडव्लूयू संगठन के पादधिकारियों ने भाग लिया। जो सभी पत्थर खदान और ईट भट्टा से जुड़े है। किस तरह से बालश्रम को रोकने और प्रवासी मजदूरो की समस्याओं को दूर करने पर ये संस्था कार्य कर रहीं हैं और उन्हें क्या करना है सभी पर चर्चा की गई है। जिससे इन समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर कदम उठाया जा सके।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना है कि बालश्रम को रोकने और प्रवासी मजदूरों के हक़ को संरक्षण करने के लिए परिचर्चा की गई है जिन्हें जोर शोर से उठाया जाएगा। बालश्रम को रोकने और प्रवासी मजदूरो के लिए आंदोलन चलकर सरकार के कानों तक उनकी आवाज पहुचाई जाएगी।

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