कोरोना महामारी के मद्देनजर परीक्षाएं रद्द करने की मांग उठाई जा रहीं थीं, जिन्हें देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक आयोजित की गई। लेकिन अब इस बैठक के बाद कोरोनावायरस के चलते स्थगित हुई यूपी, सीबीएसई बोर्ड सहित अन्य बोर्ड्स की परीक्षाएं होने के आसार नजर आने लगे हैं। दरअसल 12वीं की परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों की रविवार को बैठक संपन्न हुई जिसमें सभी राज्यों ने परीक्षाएं प्रस्तावित करने के लिए अपना पक्ष रखा। साथ ही अपने अपने सुझाव भी दिए। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने परीक्षाएं रद्द ना करने का फैसला लिया है।
अनुमान है कि यह परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जा सकती हैं। हालांकि इस मीटिंग में दो विकल्प रखे गए जिसमें विकल्प ए के लिए कहां गया कि 19 प्रमुख विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाए लेकिन इसके लिए 3 महीने का लंबा समय लगेगा वहीं इस ऑप्शन के लिए 75 फ़ीसदी राज्यों ने इनकार कर दिया। जबकि विकल्प बी में परीक्षाएं स्कूलों में ही आयोजित की जाएंगी और तीन घंटे के बजाय 90 मिनट का पेपर होगा और प्रश्न पत्र बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे। छात्रों को केवल एक भाषा और तीन वैकल्पिक विषयों में उपस्थित होना होगा और इन विषयों में प्रदर्शन के आधार पर ही पांचवे और छठवे विषयों के परिणामों का मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि इस विकल्प के तहत परीक्षाएं दो बार आयोजित करनी होंगी। साथ ही इसमें इस बात का भी विकल्प है कि यदि कोई छात्र कोविड से संबंधित किसी मामले के कारण पहले चरण में उपस्थित नहीं हो पाता है तो उसे दूसरा मौका दिया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 1 जून को घोषणा कर सकते हैं। साथ ही यह कहा गया कि परीक्षाएं किस पैटर्न में होंगी, कब होंगी और कैसे होंगी, इसकी जानकारी भी शिक्षा मंत्री 01 जून को देंगे।रविवार को आयोजित की गई इस बैठक में CBSE-ICSE 12वीं बोर्ड परीक्षा के साथ साथ नीट (NEET) और जेईई मेन (JEE Mains) सहित अन्य परीक्षाओं पर भी विचार विमर्श किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल भी मौजूद रहे।
बहरहाल कोरोना की आगामी तीसरी लहर को देखते हुए दिल्ली सरकार परीक्षाएं आयोजित करने के पक्ष में नहीं है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के पक्ष में हमें एक अभिभावक की तरह सोचना होगा जबकि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों के होने की आशंका है। ऐसे में परीक्षाएं आयोजित करना उचित नहीं बल्कि उन्हें उनके पहले रिकॉर्ड के अनुसार पास करना बेहतर विकल्प है। वहीं अगर बात करें यूपी बोर्ड की तो अभी 12वीं की परीक्षाओं को लेकर कोई भी जानकारी साफ नहीं हुई है लेकिन 24 मई के बाद इस मामले पर पूरी जानकारी हासिल होने की संभावनाएं हैं।