आगरा। जिले के मुख्य मार्ग पर भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस के साथ अभियान चलाया गया। सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस अभियान में एमजी रोड पर भीख मांग रहे 14 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इस दौरान एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने, चाइल्ड लाइन और थानों के बाल अधिकारी भी इस अभियान में शामिल रहे। अभियान चलता देख चौराहे पर भीख मांगते बच्चों में अफरा तफरी मच गई। पुलिस द्वारा रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। समिति ने बच्चों के युवाओं को हिदायत देकर अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया वहीं जिन बच्चों के अभिभावक नहीं आए उन्हें राजकीय शिशु गृह में रखने के निर्देश दिए।
बताते चलें कि एसएसपी बबलू कुमार ने 3 दिसंबर को मानव तस्करी निरोधक थाने समेत सभी 42 थानों के साथ बैठक ली थी जिसमें एसएसपी ने पुलिस को भिक्षावृत्ति रोकने के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश दिए थे। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने एमजी रोड पर सर्वे करके भीख मांगने वाले 45 बच्चों को चिन्हित किया था। इसमें महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती हैं जबकि 8 से 12 साल की उम्र के बच्चे चौराहों पर भीख मांगते मिले थे। नरेश पारस ने ऐसे बच्चों की जो सूची बनाई थी, उसे एसपी सिटी कार्यालय को सौंप दिया था।

इसी कड़ी में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने ने थानों में तैनात बाल अधिकारियों और चाइल्ड लाइन की टीम के साथ सुबह 10 बजे से अभियान की शुरुआत की। इस दौरान न्यू आगरा, हरी पर्वत, लोहा मंडी, रकाबगंज और सदर थाना क्षेत्र में आने वाले एमजी रोड के प्रमुख चौराहों पर अभियान चलाया गया। इस अभियान से भीख मांगने वाले बच्चों और उनके इलाकों में अफरा-तफरी मच गई व पुलिस को देखते ही सक्रिय गलियों में जाकर गुम हो गए।

इंस्पेक्टर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना कमल सुल्ताना ने बताया कि शाम तक चले इस अभियान में पुलिस ने 14 बच्चों को रेस्क्यू किया है और इन सभी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया है। समिति ने बच्चों के अभिभावकों को हिदायत देकर बच्चे उनके सुपुर्द कर दिए हैं और आगे से इन से भीख ना मंगवाने के सख़्त निर्देश दिए हैं।