छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर नक्सलियों और जवानों की मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए। बड़ी संख्या में जवानों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यहां तक कि अभी भी 7 जवान लापता है और 31 जवान घायल हैं।नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए इस हमले में जवानों ने पूरी बहादुरी से आखरी सांस तक संघर्ष किया और करीब 25 नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब जवानों ने नक्सलियों को ढेर किया हो और वीरगति को प्राप्त हो गए हों। इससे पहले भी नक्सली भारतीय जवानों पर कई बार हमला बोल चुके हैं।
इस घटना को लेकर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा है कि “ऑपरेशन में किसी तरह की इंटेलीजेंस चूक नहीं हुई है। बीजापुर मुठभेड़ में 25-30 नक्सली मारे गए हैं।” वहीं इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए दिल्ली पहुंचने से पहले गुवाहाटी में गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया कर्मियों से कहा था, “मैं जवानों के परिवारों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”
बता दें कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा सिर्फ बीजापुर-सुकमा के जांबाजों की शहादत का ही गुनाहगार नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ में वह सैकड़ों जांबांजों की शहादत का भी कसूरवार है। मिली जानकारी के मुताबिक इस नक्सली ने दंतेवाड़ा से लेकर झीरमघाटी तक कई खौफनाक वारदातों को अंजाम दिया है। सन 2010 के अप्रैल महीने में हिडमा की टीम ने दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में सीआरपीएफ जवानों के ऊपर हमला बोला था। इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। हिडमा की तलाश में छत्तीसगढ़ में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका। वहीं मई 2013 में हिडमा की टीम ने झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर भी हमला किया था जिसमें कांग्रेस नेताओं के साथ कुल 27 लोगों की मौत हुई थी।