उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट पर दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को भक्तों द्वारा किया गया। इस अवसर पर लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं। हरिद्वार कुंभ में अखाड़ों की पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना का दौर खत्म होने के साथ शनिवार से शाही स्नान की तैयारियां भी तेज हो गई थी जिसके चलते 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर होने वाले दूसरे बड़े शाही स्नान के लिए हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड को अखाड़ों और संत-महात्माओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
वहीं इस दौरान आम भक्त जनों की एंट्री पर प्रतिबंध रहेगा।इसके साथ ही शाही स्नान के लिए 13 अखाड़ों और महामंडलेश्वरों के शाही जुलूस के मार्ग को भी बदला गया । शाही जुलूस अपर रोड के बजाय हाइवे से मेला भवन (सीसीआर) होते हुए हरकी पौड़ी घाट पहुंचा।
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि “आम जनता को सुबह 7 बजे तक अनुमति दी गई। उसके बाद, यह क्षेत्र अखाड़ों के लिए आरक्षित है।” उन्होंने कहा कि हम लोगों से लगातार COVID से बचाव के लिए उचित व्यवहार का पालन करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन भारी भीड़ के कारण, यहां चालान जारी करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना भी बहुत मुश्किल है।
आगे कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि अगर हम यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की कोशिश करते भी हैं तो यहां भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे लोगों की जान जोखिम में हो सकती है। बहरहाल यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने में असमर्थता महसूस होती है।