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चंबल नदी में बढ़ रहा है घड़ियालों का कुनबा, डॉल्फिन के साथ प्रवासी पक्षियों की दिखी बहार

by admin
A clan of crocodiles is growing in the Chambal river, the sight of migratory birds with dolphins is out

आगरा जनपद के तहसील बाह क्षेत्र से सटी चंबल नदी में वन विभाग की टीम द्वारा जलीय जीवो एवं पक्षियों की दो दिवसीय गणना कार्यक्रम शुरू हो गया। झाबुआ की टीम द्वारा मगरमच्छ, घड़ियाल, डॉल्फिन, कछुआ, एवं पक्षियों की गणना की गई। जानकारी के अनुसार आगरा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित तहसील बाह क्षेत्र से सटी चंबल नदी विश्व विख्यात है। चंबल घाटी डाकुओं के लिए जानी जाती थी लेकिन अब चंबल नदी विश्व प्राय विलुप्त प्रजाति घड़ियाल, मगरमच्छो, डॉल्फिन के लिए जानी जाती है। जहां देसी विदेशी पर्यटक भी आनंद उठाने के लिए एवं वातावरण देखने के लिए पहुंचते हैं।

राष्ट्रीय चंबल नदी सेंचुरी क्षेत्र में धौलपुर एवं आगरा जनपद के मनसुखपुरा रेहा चंबल नदी घाट से लेकर पंचनदा इटावा सीमा तक विश्व से विलुप्त जलीय जीव प्रजाति घड़ियाल एवं मगरमच्छों का संरक्षण एवं देखरेख वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। जहां हर वर्ष अप्रैल मई-जून तक छोटे छोटे नन्हे एक मगरमच्छ घड़ियाल सैकड़ों की संख्या में चंबल नदी में जन्म लेते हैं। लगातार इनका कुनबा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। चंबल नदी में स्वच्छ जल एवं शांत वातावरण होने के कारण इसमें डॉल्फिन एवं कई प्रकार के कछुआ एवं किनारों पर देसी विदेशी पक्षी देखने को मिलते हैं।

A clan of crocodiles is growing in the Chambal river, the sight of migratory birds with dolphins is out

गुरुवार को दो दिवसीय गणना कार्यक्रम शुरू किया गया। वन विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार राजस्थान धौलपुर से सटे रेहा घाट से लेकर इटावा की सीमा गांव उदयपुर खुर्द तक सात टीमों ने अलग-अलग ट्रैक में मोटर बोट एवं पैदल चलकर गणना की गई। रेंजर बाह चंबल सेंचुरी आरके सिंह राठौर के नेतृत्व में मोटर बोट एवं पैदल चलकर क्षेत्रीय वन विभाग एवं विशेषज्ञों की टीम के साथ गणना कार्यक्रम चलाया गया।

पहले दिन की गणना में 367 घड़ियाल, 170 मगरमच्छ, एवं 24 डॉल्फिन देखी गई। इन दिनों मौसम साफ होने पर धूप खिले होने के कारण जलीय जीव घड़ियाल मगरमच्छ नदी के टापू पर देखे जाते हैं। वन विभाग की टीम आसानी से चंबल नदी में करती है। वही चंबल नदी में पिछले वर्ष कोविड-19 के चलते लॉकडाउन मैं चंबल नदी में गणना कार्यक्रम नहीं हो पाया था।

गणना के दौरान प्रवासी प्रवासी पक्षियों का दिखा अनोखा संसार

राष्ट्रीय चंबल नदी सेंचुरी क्षेत्र में दो दिवसीय जलीय जीव एवं पक्षियों की गणना का कार्यक्रम वन विभाग एवं विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया गया जिसमें चंबल नदी क्षेत्र में पक्षियों का एक अनोखा संसार देखने को मिला। प्रवासी एवं अप्रवासी पक्षियों में सोवलर, कूट, स्टार्क, ब्लैकबेरी टर्न, विसलिंग टील, ग्रेट थिकनी, रेड लेपविंग, जेकैना, पेटेंड स्टार्क, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, मलार्ड, स्पोटबिल, कामनटीम, बार हडेड गूंज, ब्लैक आईबिस, स्पूनविल, इंडियन स्ट्रीमर, कल्चर, ग्रेहेरोंन, आदि पक्षी देखने को मिले जिनकी गणना की गई।

इसी संदर्भ में चंबल सेंचुरी बाह रेंजर आरके सिंह राठौर ने बताया कि चंबल नदी में जलीय जीव एवं पक्षियों की गणना के दौरान कोई भी अस्वस्थ नहीं मिला है। चंबल नदी में मगरमच्छ एवं घड़ियालों का कुनबा बढ़ने से खुशी है।

रिपोर्ट – नीरज परिहार, तहसील बाह आगरा

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