आगरा। देश के कई स्कूलो में छोटे छोटे बच्चों के साथ हत्या और शारीरिक शोषण जैसी घटनाएं सामने आई है जिसमें गुरुग्राम स्कूल मर्डर केस सुर्ख़ियो में रहा था। इस घटना के बाद बच्चों की सुरक्षा की मांग उठाने लगी थी। इस घटना के बाद ही मृतक बच्चे के पिता द्वारा दायर किए गए जनहित याचिका मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गयी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मानव संसाधन मंत्रालय से देश में स्कूली बच्चों की सुरक्षा मामले पर पॉलिसी बनाने को कहा है। इसके लिए कोर्ट की ओर से मंत्रालय को 3 माह का समय दिया गया है। कोर्ट ने साफ़ कहा कि सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला पब्लिक और प्राइवेट दोनों ही स्कूलों पर लागू होगा। कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर मौजूदा दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की मांग की गई थी।
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और आर एफ नरीमन की बेंच ने कहा कि स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश या पॉलिसी तय करने के मामले में कोर्ट एक्सपर्ट नहीं है। बेहतर होगा अगर सरकार इस मामले को देखे। बेंच ने कहा, ‘हम मानव संसाधन मंत्रालय को जनहित याचिका में किए गए अपील को देखने और तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश देते हैं। यह निर्णय सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों के लिए भी होगा।’ इससे पहले कोर्ट ने केंद्र द्वारा संकलित नियमों और राज्यों से विचार करने को कहा था।
इसमें रेयान पब्लिक स्कूल में मारे गए बच्चे के पिता द्वारा दायर किए गए याचिका पर सभी राज्यों से उनकी प्रतिक्रिया मांगी गयी। तीन राज्यों- हरियाणा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया दायर की। दो महिला वकीलों आभा आर शर्मा और संगीता भारती ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर पॉलिसी बनाने और देश में मर्डर व यौन उत्पीड़न से स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करने की मांग की।
याचिका के अनुसार सभी नए कर्मचारियों की नियुक्ति के एक माह के अंदर ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक दिन का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आवश्यक किया जाए। प्रत्येक स्कूल में चाइल्ड एब्यूज मॉनिटरिंग कमेटी होना आवश्यक है जिसमें प्रतिनिधि के तौर पर दो छात्र हों और स्कूल में किसी की नियुक्ति से पहले पुलिस की वेरिफिकेशन जांच विस्तार से की जाए। बीते दिनों गुरुग्राम के रायन पब्लिक स्कूल में सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की शौचालय के अंदर हत्या कर दी गयी थी, उसके गले पर चाकू से दो वार किए गए थे।