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अब होलिका दहन भी इको फ्रेंडली, जानें पूजन विधि और समय

by admin
Now Holika Dahan is also eco friendly, know worship method and time

Agra. होलिका दहन से पहले होलिका की विधि विधान के अनुसार पूजा की गई। घर की महिलाएं सुबह होलिका की पूजा आराधना करने के लिए पहुंच गई थी। हाथों में पूजा की थाली लेकर महिलाएं होलिका पर पहुंची और विधि विधान के अनुसार होलिका की पूजा की इसके बाद होलिका को अर्घ देने के साथ-साथ धागे के साथ उसके साथ परिक्रमा भी लगाएं।

पार्श्वनाथ पंचवटी कॉलोनी में रखी गई इको फ्रेंडली होलिका

ऑक्सीजन और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पार्श्वनाथ पंचवटी कॉलोनी वासियों ने इको फ्रेंडली होलिका रखी है। पेड़ों को कटने से बचाने की मुहिम को बढ़ावा देते हुए देसी गौ माता के गोबर से बनी लकड़ी व कंडो से होलिका तैयार की गई है। रात्रि में इसी इको फ्रेंडली होली का होलीका दहन से पूजा के साथ किया जाएगा।

होलिका दहन मुर्हूत

आज 17 मार्च दिन, गुरुवार को देर रात 01:29 बजे से होलका दहन का मुहूर्त है। होलिका दहन का मुहूर्त: भद्रा पूंछ में, रात 09:06 बजे से 10:16 बजे के मध्य है।

होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका पूजा के लिए आप सबसे पहले उत्तर या पूर्व ​की दिशा में मुख करके बैठें। उसके बाद गणेश और गौरी की पूजा करें। हर पूजा में सर्वप्रथम गौरी-गणेश की पूजा होती है। इसके बाद ओम होलिकायै नम: मंत्र के उच्चारण से होलिका की पूजा करें। फिर ओम प्रह्लादाय नम: मंत्र से भक्त प्रह्लाद और ओम नृसिंहाय नम: मंत्र से भगवार नरसिंह की पूजा करें. बारी-बारी से इनको अक्षत्, फूल, रोली, गंध आदि अर्पित करते हैं. फिर हनुमान जी, शीतला माता, पितरों की पूजा करते हैं।

इसके बाद सात बार परिक्रमा करते हुए होलिका में कच्चा सूत लपेटते हैं। उसके बाद जल, नारियल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को चढ़ा देते हैं। उसके बाद अग्नि प्रज्वलित करते हैं। होलिका की आग में गेहूं की बालियों को सेंक कर स्वयं खाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति निरोगी रहता है।

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