आगरा। कहा जाता है कि खेल प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती। अगर परिश्रमी और उसके प्रति जुनूनी है तो आप को सफलता हाथ लगेगी। यही कारनामा सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले शेर अली खान ने कर दिखाया है। शेर अली खान ने हाल ही में सम्पन्न हुई जिला जिम्नास्टिक चैम्पियन शिप में द्वितीय स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल हासिल किया है जिससे उसके पिता और उसके मार्गदर्शक नरेश पारस उत्साहित हैं।
जिला जिम्नास्टिक एसोसिएशन की ओर से आगरा एकलव्य स्टेडियम में जिला जिम्नास्टिक चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। इस प्रगियोगिता में जनपद के सभी कांवेंट स्कूलों के करीब 500 बच्चों ने भाग लिया था। इन सभी बच्चों को पीछे छोड़ते हुए झुग्गी में रहने वाले शेर अली खान ने यह सफलता हासिल की है। शेर सिंह इससे पहले भी राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में दो गोल्ड मेडल जीत चुका है। शेर के पिता रंगी को भी मेडल का महत्व समझ आ गया है और वो अपने इस बच्चे को खूब पढ़ा-लिखा रहे हैं।
शेर सिंह Dios कार्यालय के पीछे बनी झुग्गियी में रहता है। माता पिता कूड़ा बीनने और दुकानों पर नींबू मिर्च लगाने का काम करते है। स्थिति ठीक न होने के कारण शेर सिंह भी शिक्षा नही ले पा रहा था। लेकिन सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकारवके लिए लड़ने वाले RTI एक्टिविस्ट नरेश पारस ने शेर सिंह को डाइट के सरकारी स्कूल में भर्ती कराया और एथलेटिक्स खेल की भी शिक्षा दिलाना शुरु किया। शेर सिंह अब अपने पिता के साथ अपने मार्गदर्शक का नाम रोशन कर रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर और काम संसाधनों के बीच शेर सिंह अपने हुनर को निखार रहा है और उन बच्चों के लिए प्रेरणादायक बन गया है जो अपना जीवन झुग्गी झोपड़ियों में गुजार रहे है।