आगरा। पिनाहट में चंबल नदी एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाने के लिए बेताब है। मंगलवार सुबह चंबल नदी में कोटा बैराज से 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस पानी के बाह क्षेत्र में गुरुवार तक आने की संभावना जताई जा रही है। खादरों के रास्ते चंबल नदी में आई बाढ़ का पानी बीहड़ के रास्तों में भर गया है। जिससे ग्रामीण अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी के लिए 8 बाढ चौकियां स्थापित कर दी है और बाढ़ चौकियों पर निगरानी के लिए कानूनगो, लेखपाल व सचिवों की ड्यूटी लगाई गयी है।
चंबल नदी में आए तेज बहाव के चलते सैकड़ों की संख्या में बड़ी-बड़ी मछलियां मर गई। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल नदी के किनारे के गांव के ग्रामीणों को चंबल नदी पर न जाने की हिदायत दी है। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की जल स्तर की निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं।
चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए तहसीलदार बाह हेमचंद शर्मा ने पिनाहट घाट का निरीक्षण किया। तहसीलदार बाह हेम चंद शर्मा ने बताया कि अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीणों को चंबल नदी पर न जाने दें। चंबल नदी पर लगातार बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी के लिए आठ बाढ़ चौकियां भी बनाई गई है। बाढ़ चौकियों पर लेखपाल, कानूनगो व सचिवों को ड्यूटी लगायी गयी है। चंबल नदी 124 मीटर पर बह रही है। कोटा बैराज से मंगलवार सुबह 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया है। जो गुरुवार सुबह तक बाह में पहुंचेगा।