आगरा। योगी सरकार और कांग्रेस के बीच प्रवासी मजदूरों के लिए बसें भेजने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवासी मजदूरो को बसों से भेजने के लिए बसों को राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ा कर दिया गया लेकिन मंगलवार को इन बसों को यूपी में प्रवेश नही करने दिया गया और राजस्थान यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। राजस्थान सीमा पर खड़ी बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं मिलने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू, कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित और वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ यूपी राजस्थान बॉर्डर पर पहुँच गए। इससे पहले राजस्थान जाते वक्त परमिशन न होने पर आगरा पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। बाद में परमिशन मिलने पर वो पहुँचे।
इस दौरान प्रदेश जिला अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर मजदूरों की मदद के लिए दोबारा बसें कांग्रेस द्वारा भेजी गईं लेकिन अभी भी इन बसों को अनुमति मिलने का इंतजार है जिस कारण बसें राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए 1000 बस भेजने प्रस्ताव के लिए कांग्रेस महासचिव ने 16 मई को पत्र लिखा जिस पर यूपी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया जबकि अगले ही दिन 500 बसों को बॉर्डर पर लगाया गया था। 18 को पुनः अनुमति मांगी तो 4:15 बजे प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रेसवार्ता कर अनुमति की जानकारी दी। उसी दिन रात 8 बजे बसों के नंबर की सूची मांगी। इतना ही नहीं उसी रात 11 बजे सूचना मिली कि सभी बसों को लखनऊ के वृदावन में लाकर खड़ी कर दे। जब जरुरत थी तो एक्शन नही लिया फिर एकदम बसें मांगी गई। अजय कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बैठे मंत्री और अधिकारी लगातार झूठ बोल रहे हैं।
अनुमति न मिलने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार अपने समर्थकों के साथ वहीं पर बैठ कर हंगामा करने लगे। इसके बाद राजस्थान पुलिस समझा-बुझाकर उन्हें अपने साथ ले गयी। इसी बीच यह ख़बर भी उड़ी कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। इस मामले में एसपी रवि कुमार ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर वापस यूपी में छोड़ दिया है। हिरासत की बात गलत है।