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239 फ़ीट की ऊंचाई पर ताज़महल के मुख्य गुम्बद को संरक्षण किये जाने का जारी है काम

by admin
Work continues to protect the main dome of the Taj Mahal at a height of 239 feet

आगरा। 1944 के बाद पहली बार ताज के गुंबद पर इनले पीस लगाने और चारों बुर्जियों का संरक्षण किया गया है।लॉकडाउन में जब ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद रहा, तब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मकबरे के मुख्य गुंबद और इसकी चारों बुर्जियों का संरक्षण किया। मकबरे के संगमरमरी गुंबद पर पच्चीकारी के पत्थर निकल गए थे। सफेद संगमरमर के गुंबद पर नीचे काले रंग का बार्डर बना हुआ है, जिसके इनले पीस संरक्षण के दौरान लगाए गए। लगभग 77 साल बाद ताजमहल के मुख्य मकबरे के गुंबद को सहेजा गया है। मकबरे पर गुंबद के टूटे पत्थरों को लगाया गया और प्वाइंटिंग कराई गई।

जमीन से 73 मीटर ऊंचे यानी 239.50 फीट ऊंचे ताजमहल के गुंबद के कलश पर झूला डालकर एएसआई के कर्मचारियों ने बड़ी कठिनाई भरे हालात में पच्चीकारी का काम पूरा किया। यहां हवा की रफ्तार भी बेहद तेज थी और इतनी ऊंचाई पर काम करना बेहद कठिन था। आगरा मंडल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कर्मचारियों ने धैर्य के साथ ताजमहल के गुंबद पर चटके हुए इनले पीस को बदलने और प्वाइटिंग का काम किया। 

Work continues to protect the main dome of the Taj Mahal at a height of 239 feet

संरक्षण कार्य होने से ताज के गुंबद के दरकते पत्थरों की उम्र और बढ़ गई। इसके अलावा एएसआई ने दक्षिण पश्चिमी मीनार के अंदर लगी लाल पत्थर की सीढ़ियों को भी बदला गया। नीचे से ही ढालकर पत्थरों को ऊपर ले जाया गया। ताजमहल के प्रदूषण के कारण पीले पड़ जाने की रिपोर्ट के बाद संसदीय कमेटी की सिफारिश पर एएसआई की रसायन शाखा ने ताजमहल का मडपैक ट्रीटमेंट शुरू किया था, जिसमें अब केवल मुख्य गुंबद ही बाकी है। 

गुंबद की भार वहन क्षमता का निर्धारण होने के बाद एएसआई ने संरक्षण कार्य कराया है। इसके बाद अब मडपैक ट्रीटमेंट का रास्ता खुल गया है। ताज का यह गुंबद पीलापन लिए हुए हैं, जबकि अन्य हिस्सा मडपैक ट्रीटमेंट के कारण धवल हो चुका है।

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि मुख्य मकबरे के गुंबद के साथ चारों बुर्जियों का संरक्षण भी किया गया है। गुंबद पर काले रंग के बार्डर के पत्थर निकल गए थे, जिन्हें फिर से लगाया गया है। कलश के नीचे के कई पत्थरों को बदला है और प्वाइंटिंग कराई गई है।

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