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वाह री पुलिस, बना दिया रस्सी का सांप

by pawan sharma

आगरा। निबोहरा पुलिस की गलती के चलते एक परिवार के मुखिया को 14 दिन जेल में गुजारने पड़े तो उसके परिवार के लिए भी यह दिन किसी नरक से कम नही बीते हैं। घर का माहौल भी गमहीन था मानो किसी की मृत्यु हो गयी हो। मून ब्रेकिंग की टीम पीड़ित महेश के घर पहुँची तो सभी का दर्द झलक उठा। गलत तरीके से जेल भेजे गए महेश की 85 वर्षीय माँ रामवती ने तो इस बीच खाना पीना भी छोड़ दिया था। महेश के दो छोटे-छोटे नाती नातिन प्रतिदिन महेश की याद में रोते रहते थे। पूरा परिवार उस दिन को कोस रहा था जब पुलिस आई और महेश को लेकर अपने साथ चली गई। झूठे मामले में उसे जेल भेज दिया गया।

थाना क्षेत्र के ग्राम हरलाल की मढैया निवासी महेश वर्मा पुत्र वीरी सिंह को पुलिस 302 के एक मामले में महेश को घर से उठाया और जानबूझ कर असली आरोपी की जगह निर्दोष महेश को जेल भेजा गया।

परिजनों ने बताया कि 28 अगस्त की शाम महेश अपने घर पर खेती का काम करके लौटा था तभी निबोहरा पुलिस की एक जीप आई जिसमें एक उपनिरीक्षक और चार सिपाही थे। पुलिस ने महेश के बारे में पूछा और महेश को पकड़कर थाने ले गए।

परिजन थाने पहुँचे तो पुलिस ने कोई जानकारी नही दी। परिजन इधर उधर महेश की सलामती के लिए भटकते रहे। बाद में दीवानी में जाकर परिजनों को पता चला की पुलिस ने फर्जी 302 केश में जेल भेज दिया है। पीड़ित परिवार महेश के निर्दोष होने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस का दिल नही पसीजा।

परिजनों का कहना था कि पुलिस ने कोई सुनवाई नही की इसलिए महेश को बचाने के लिए खुद जांच पड़ताल शुरु की। जमानतियों के बारे में पता कर उनकी सहायता से मुख्य आरोपी महेश पुत्र हरि सिंह निवासी लालपुरा थाना निबोहरा को पकड़वाकर एसएसपी आगरा के समक्ष पेश कर दिया। पूरे मामले में पूर्व विधायक छोटेलाल ने उनकी मदद की। 14 दिन तक जेल में रहने के बाद निर्दोष महेश जब बाहर आया तो घर पहुंचने पर उसके परिजनों से लिपट कर रोने लगे। बूढ़े मां बाप का रो रो कर बुरा हाल था।

महेश की पत्नी रामा देवी का कहना है कि पुलिस ने हद दर्जे की लापरवाही की है क्योंकि असली आरोपी की जाति एवं पिता का नाम सब कुछ भी अलग था। सिर्फ महेश नाम समान होने पर ही एक बेकसूर को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया।

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