दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के नाम को बदलने की तैयारी हो रही है। अपने कारोबारी तरीकों को लेकर दिक्कतों से जूझ रही फेसबुक की योजना अब कंपनी को रीब्रांड करने की है। यानी एक नए नाम के साथ फेसबुक आ सकती है। ‘द वर्ज’ के मुताबिक नए नाम के साथ फेसबुक का मुख्य फोकस मेटावर्स पर रहेगा। हालांकि इसे लेकर फेसबुक के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि कंपनी अफवाहों व संभावनों पर कोई टिप्पणी नहीं करती है।
इसे लेकर वेबसाइट ‘द वर्ज’ के मुताबिक फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग नाम बदलने की योजना को लेकर 28 अक्टूबर को कंपनी के कनेक्ट कांफ्रेंस में चर्चा कर सकते हैं। हालांकि फेसबुक के ऐप व सेवाएं अपने वर्तमान स्वरूप में जारी रह सकती है जो इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे अन्य ब्रांड्स के साथ एक पैरेंट कंपनी के तहत रहेंगी। इस प्रकार का बिजनस स्ट्रक्चर गूगल का भी हो जिसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट है।
मार्क जुकरबर्ग ने करीब 17 साल पहले वर्ष 2004 में फेसबुक की शुरुआत की थी। जुकरबर्ग का कहना है कि फेसबुक का भविष्य मेटावर्स में है। मेटावर्स के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा और कंप्यूटर के सामने बैठने की बजाय एक हेडसेट के जरिए आभासी दुनिया में घुस सकेंगे। यह काफी कुछ वीआर की तरह है जिसका इस्तेमाल अभी गेमिंग में होता है। हालांकि वर्चुअल वर्ड का इस्तेमाल काम, खेल, कंसर्ट्स, सिनेमा ट्रिप्स या महज हैंग आउट के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए कंपनी आकुलस वर्चुअल रियलटी हेडसेट्स में भारी निवेश कर रही है। जुकरबर्ग जुलाई में कह चुके हैं कि आने वाले समय में फेसबुक महज एक सोशल मीडिया कंपनी नहीं रह जाएगा बल्कि एक मेटावर्स कंपनी के रूप में लोग इसे देखेंगे।
फेसबुक मेटावर्स को लेकर रीब्रांडिंग की यह पहल ऐसे समय में शुरू कर रही है जब नियामकों, लॉमेकर्स और एक्टिविस्ट्स इसके कारोबारी तरीकों पर कड़े सवाल उठा रहे हैं। व्हिसल ब्लोर हौजेन ने नियामकों व वाल स्ट्रीट जर्नल के साथ कंपनी के हजारों दस्तावेज साझा किए हैं। इन दस्तावेजों में इसका जिक्र है कि फेसबुक डेटा का इस्तेमाल किस तरह से करती है। इसके अलावा व्हिसल ब्लोअर ने फेसबुक के फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने का आरोप लगाया।