आगरा। एस्मा, निलम्बन, बर्खास्तगी और स्थानातरण की कार्यवाही होने के बाद भी सदर तहसील में लगातार 18वें दिन लेखपालों का धरना जारी रहा।
18वें दिन धरने की सभा की अध्यक्षता देवेंद्र सिंह द्वारा की गई। धरना प्रदर्शन के दौरान लेखपालों ने सरकार, शासन और प्रशासनिक अधिकारियों पर जमकर हमला बोला। उनका कहना था कि उचित मांगो पर विचार विमर्श किये जाने के बजाए सरकार लेखपालों के धरने को खत्म करने पर जोर दे रही है। सरकार के आदेश पर प्रशासन लेखपाल संघ के पदाधिकारियो पर निरन्तर दवाब बना कर आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन सभी लेखपाल एक जुट होकर आंदोलन को अनवरत जारी रखे हुए हैं। सरकार द्वारा मांगो पर कार्यवाही न होने तक यह आंदोलन चलेगा चाहे सरकार शासन उन्हें बर्खास्त कर दे या फिर उन्हें गिरफ्तारी कर जेल भेज दे।
आंदोलित लेखपालों ने साफ कहा कि अपने हक के लिए लेखपाल हर लड़ाई लड़ने को तैयार है चाहे उन ओर कोई भी कार्यवाही हो। लेखपालो का कहना है कि सरकार अपनी बातों से मुकर रही है। 2016 से 2019 तक कई बार अधिकारियों ने लेखपाल की मांग पर कार्यवर्त पर हस्ताक्षर किए। विगत ढाई साल में अनेक कैबिनेट बैठक होने के बाद अनेक विभाग की मांगों पर प्रस्ताव पारित किए लेकिन लेखपाल संघ के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया। आज तक लेखपाल संघ की आठ सूत्रीय किसी भी मांग पर कोई शासनादेश निर्गत नही किया गया। 35 साल एक ही सेवा कर सेवानिर्वत्त हो रहा जिससे उसमें क्षोभ, आक्रोश और पीड़ा है।
धरने में संजय गुप्ता, राकेश जैन, सतीश जैन, सतेंद्र कुशवाह, सुनील कपूर, धर्मेंद्र जितेंद्र, देवी सिंह, अंकित रावत, संदीप शर्मा, खुशबू, रीता, नीरज रमा आदि की उपस्थिति रही।