Agra. शहर की सड़कों में गड्ढे और जलभराव के चलते स्कूल जाने वाले बच्चों की जान पर बन आई है। हाल ही में पिनाहट थाना क्षेत्र में जलभराव के चलते एक स्कूली बस पलट गई थी तो अब नया मामला थाना फतेहपुरसीकरी के एक गांव से आया है। मंगलवार सुबह स्कूली बच्चों से भरी वैन संतुलन खोकर पानी से भरे गड्ढे में गिर गयी। बच्चों की चीख पुकार सुनकर आये ग्रामीणों ने कार का शीशा तोड़कर मासूमों को बाहर निकाला। पानी से भीगने के कारण बच्चे ठिठुरने लगे तो ग्रामीणों ने अलाव जलाकर उनको गर्मी दी और उनके कपड़े सुखाए। हादसे के दौरान गाड़ी में मौजूद 11 मासूम और एक चालक की ग्रामीणों ने जान बचा ली। हादसे में कोई गंभीर घायल नहीं हुआ है और सभी सुरक्षित हैं।
जानकारी के मुताबिक थाना फतेहपुरसीकरी के नगला जन्नू गांव स्थित मनीष पब्लिक स्कूल की वैन UP80 DE 1117 नगला उत्तु गांव में बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। रास्ते में गड्ढे होने के कारण वैन अचानक असंतुलित होकर सड़क किनारे बने पानी से भरे गड्ढे में गिर गयी। गहरा गड्ढा होने के कारण वैन उसमें डूब गई।
हादसा होते ही वैन में मौजूद बच्चों ने चीख पुकार मनाना शुरू कर दिया। आवाज सुनते ही ग्रामीण दौड़ते हुए आये और गड्ढे में कूद कर कार के शीशे तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। सूचना पर एसआई सुनील तोमर और थाना प्रभारी जय श्याम शुक्ल फोर्स के साथ पहुंचे। ग्रामीणों की मदद से वैन को रस्सियों से बांध कर बाहर निकाला। थाना प्रभारी जय श्याम शुक्ल के अनुसार सभी बच्चे और चालक सुरक्षित हैं। बच्चों को परिजनों के सपुर्द कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि आवाज सुनकर जब ग्रामीण मौके पर आए तो दृश्य देखकर सबकी सांसे अटक गयीं थी। मासूम बच्चों की जान बचाने के लिए गांव के युवा तत्काल कूद गए थे। वेन की शीशे तोड़कर बच्चों को एक-एक करके बाहर निकाला गया। पानी से भरे गड्ढे में वह के गिरने से सभी स्कूली बच्चे पूरी तरह सेविंग है और जैसे ही वह बाहर निकले तो उनकी कंपकंपी छूटने लगी। ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें ठंड से बचाने के लिए चादर से ढका और वहीं अलाव की भी व्यवस्था कर दी जिससे से बच्चों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो।
इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने जमकर जनप्रतिनिधियों को कोसा। उनका कहना है कि रोड में गड्ढे हैं जिनके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र के विकास के लिए चुना जाता है लेकिन कई बार शिकायत करने के बावजूद उनका इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लगता है कि जनप्रतिनिधियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। तब जाकर उनकी आंखें खुलेगी और क्षेत्र की समस्या की तरफ ध्यान देंगे।